तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में शुक्रवार को एक नए राजनीतिक अध्याय की शुरुआत हुई है। पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान Mohammad Azharuddin को राज्य के मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई है।
कार्यक्रम में राज्यपाल Jishnu Dev Varma ने उन्हें तथा अन्य मंत्रियों को पद-ओ-गोपनीयता की शपथ दिलाई, जिसमें मुख्यमंत्री A. Revanth Reddy, पार्टी के शीर्ष नेता तथा अन्य सदस्यों की मौजूदगी रही।
इस नियुक्ति से सरकार में अल्पसंख्यक समुदाय को पहली बार मंत्री का प्रतिनिधित्व मिल रहा है, जिससे राज्य की राजनीतिक तस्वीर में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलता है।
हालाँकि, इस कदम के साथ विवाद भी जुड़ा है। भाजपा ने इसे आगामी Jubilee Hills उपचुनाव को ध्यान में रखकर वोट बैंक-रणनीति का हिस्सा बताया है और इसे आदर्श आचार-संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है।
कांग्रेस नेतृत्व ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा है कि यह सिर्फ सामाजिक समावेशन का निर्णय है तथा इसे चुनावी रणनीति से जोड़ना उचित नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि मंत्री पद मिलने के बाद Azharuddin को अगले छह माह के भीतर विधान परिषद या विधानसभा का सदस्य बनना होगा।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस कदम से राज्य की सत्ता-रणनीति में बदलाव झलकता है — खेल-पृष्ठभूमि से आए व्यक्ति को मंत्री-पद मिलना तथा अल्पसंख्यक समुदाय को प्रतिनिधित्व देना दोनों एक साथ संकेत हैं कि सरकार अपनी जनप्रतिक्रिया एवं क्षेत्रीय समीकरणों को मजबूत करना चाहती है।


