झारखण्ड राज्य ने चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक अहम कदम उठाया है। राज्य सरकार और संबंधित चिकित्सा-शिक्षा प्राधिकरणों ने 10 चिकित्सा महाविद्यालयों में संयुक्त रूप से लगभग 200 अतिरिक्त MBBS सीटों की स्वीकृति दी है, जिससे इन कॉलेजों में प्रवेश की कुल संख्या 1,255 सीटों तक पहुँच गयी है।
क्यों यह परिवर्तन महत्त्वपूर्ण है
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इस वृद्धि से अध्यापन एवं प्रशिक्षण की अवसर-संख्या दोनों में वृद्धि होगी, जो मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए राहतभरी खबर है।
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राज्य में डॉक्टर-प्रशिक्षित होने वालों की संख्या बढ़ने से स्वास्थ्य-सेवा-मंचों पर दबाव कम होने की उम्मीद जताई जा रही है।
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यह कदम उस दिशा में बढ़ा है जहाँ सरकार ने ‘प्रति जिले एक मेडिकल कॉलेज’ जैसी पहल की है, ताकि ग्रामीण एवं पिछड़े इलाकों में भी मेडिकल शिक्षा पहुँच सके।
क्या कहना है चुनौतियों पर
हालाँकि सीटों में वृध्दि स्वागतयोग्य है, लेकिन कुछ चुनौतियाँ अभी भी बरकरार हैं:
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नए सीटों के लिए पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर, बेड-संख्या, प्राध्यापक व क्लीनिकल मामलों का जुड़ाव जरूरी है।
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उन कॉलेजों में गुणवत्ता सुनिश्चित करनी होगी जहाँ अचानक विस्तार हुआ है, ताकि शिक्षा निम्न स्तर की न हो।
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प्रवेश के बाद छात्रों को सही समुचित प्रशिक्षण, लाइब्रेरी-संसाधन, हॉस्टल-व्यवस्था तथा क्लीनिकल एक्सपोज़र मिलना बेहद जरूरी होगा।
आगे क्या होगा
राज्य स्वास्थ्य विभाग एवं शिक्षा विभाग ने यह संकेत दिया है कि इस बढ़ोतरी को स्थायी रूप से कायम रखने हेतु नियमित समीक्षा की जाएगी। आगे आने वाले सत्रों में छात्र-परिषद एवं कॉलेज-प्रबंधन मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि नए सीटों का लाभ सही दिशा में हो।


