बिहार विधानसभा चुनाव के पूर्व राजनीतिक स्थिति में तेज़ी से हलचल दिखाई दे रही है। इस बीच उपेंद्र कुशवाहा ने अपने बयान में सियासी युद्ध की तुलना महाकाव्य ‘महाभारत’ से करते हुए कहा है कि इस चुनावी मामले में पहले से ही विजेता तय है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि ‘जैसे महाभारत में कौन जीतेगा यह पहले ही पता था, वैसे ही बिहार में भी एनडीए को मुस्तैद बहुमत मिले गा।’
कुशवाहा ने आरोप लगाया कि विपक्षी गठबंधन महागठबंधन जनता में भ्रम फैला रहा है, विशेष रूप से विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) से जुड़े मुद्दों को उठाकर। उन्होंने कहा कि पिछले 15 सालों में विपक्षी शासन ने दलित व पिछड़े वर्गों को जमीनी सदस्य-पद तक नहीं पहुँचने दिया। उन्होंने उदाहरण दिया कि उन वर्षों में दलित पुरुष या महिलाएं वार्ड सदस्य बनने की अनुमति तक नहीं पाती थीं।
कुशवाहा ने इसके विपरीत इस बात पर जोर दिया कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में कांग्रेस-गठबंधन की जगह एनडीए ने दलित और पिछड़ों के लिए प्रतिनिधित्व बढ़ाने वाली नीतियाँ शुरू की। उनका मानना है कि इस बदलाव ने इन वर्गों को समाज में सम्मान दिलाया।
उन्होंने कहा कि इस बार का संघर्ष एक स्पष्ट-साफ दो ध्रुवों के बीच है—एक ओर एनडीए, दूसरी ओर महागठबंधन। इस लड़ाई में, उनका कहना है, कोई तीसरा मोर्चा प्रभावशाली नहीं होगा और विजयी ठहरने की ओर एनडीए का समीकरण मजबूत है।


