धनतेरस और दिवाली का त्योहार भारत घरों में संपन्नता और खुशहाली की उम्मीद लेकर आता है। इस मौके पर सोना खरीदना भी एक परंपरा है। लेकिन आज के ऊँचे दामों और लागत-जांच की चुनौतियों को देखते हुए, समझदारी से कदम उठाना ज़रूरी है। नीचे चार स्मार्ट तरीके दिए गए हैं जिससे आप पारंपरिक सौंदर्य और आधुनिक निवेश दोनों का संतुलन बना सकते हैं:
1. पारंपरिक तरीका — आभूषण, सिक्के और बार
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इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप सोना हाथ में देख सकते हैं और विक्रय में नकदी आसानी से प्राप्त होती है।
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परंतु इसके साथ मेकिंग चार्ज, रख-रखाव खर्च और बीमा शुल्क जैसी छुपी लागतें भी जुड़ी होती हैं।
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सुझाव: हल्के और सादे डिज़ाइन चुनें ताकि मेकिंग चार्ज कम हो। प्रमाणित (BIS हॉलमार्क) विक्रेता से ही खरीदें।
2. गोल्ड ETF / म्यूचुअल फंड
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यह “पेपर गोल्ड” की तरह है — इसे आपके डिमैट / म्यूचुअल फंड खाते में खरीदा और बेचा जा सकता है।
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इसमें शुद्धता, भंडारण या सुरक्षा की चिंता नहीं होती।
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हालांकि, इसमें फंड प्रबंधन खर्च (expense ratio) देना पड़ता है।
3. डिजिटल गोल्ड
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मिनिमम राशि से ऑनलाइन प्लेटफार्म पर सोना खरीदा जा सकता है (कुछ रु॰ १० से भी)।
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यह सुरक्षित वॉल्ट में संग्रहित रहता है।
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आप आगे जाकर इसे भौतिक सिक्के / बार में बदल सकते हैं यदि प्लेटफार्म उस सुविधा को समर्थित करे।
4. गोल्ड-लिंक्ड साधन
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इसमें शामिल हैं: गोल्ड फ्यूचर्स, गोल्ड माइनिंग कंपनी के शेयर, या धातु-संबंधित फंड।
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यदि आप जोखिम उठा सकते हैं तो ये विकल्प अधिक रिटर्न की संभावना देते हैं।
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परंतु मूल्य का उतार-चढ़ाव अधिक होने की संभावना होती है — नये निवेशक सोच-समझ के साथ ही इसमें कदम रखें।
ज़रूरी सुझाव और सावधानियाँ
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समय को पकड़ने की कोशिश न करें — कीमतों के उच्च स्तर पर पूर्ण निवेश करना जोखिम हो सकता है।
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प्रमाणित विक्रेता और प्लेटफार्म चुनें — हॉलमार्क, लाइसेंस आदि की जाँच अवश्य करें।
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ट्रांज़ैक्शन और अतिरिक्त शुल्कों (मेकिंग, डिलीवरी, कमीशन) पर ध्यान दें।
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विविधता बनाएं — सिर्फ सोने में न डालें, बल्कि बॉन्ड/ETF/डिजिटल हिस्से भी रखें।
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लंबी अवधि का दृष्टिकोण रखें — त्योहार के बहाव में तुरंत लाभ लेने की आदत बेहतर निर्णयों को प्रभावित कर सकती है।


