झारखंड में सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता (CGL) परीक्षा-2023 के दौरान कथित पेपर लीक और गड़बड़ियों की शिकायतों की जांच के सिलसिले में झारखंड हाई कोर्ट ने आज फैसला सुरक्षित रख लिया है। अदालत ने मेरिट सूची जारी करने पर लगी अंतरिम रोक को जारी रखते हुए सभी पक्षों की सुनवाई पूरी कर ली है।
उच्च न्यायालय की इस कार्रवाई के दौरान राज्य के महाधिवक्ता ने तर्क दिया कि परीक्षा में पेपर लीक का कोई ठोस साक्ष्य अभी तक नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि 830 परीक्षा केंद्रों में से केवल तीन केंद्रों पर अनियमितताओं की आशंका सामने आई है, जहाँ मोबाइल फोन से प्रश्न लिखवाने व उत्तर लिखवाने जैसे आरोप लगे थे। पर यह मामला सीधे-सीधे पेपर लीक का सबूत नहीं हो पाया।
वहीं, अभियोगियों द्वारा यह आरोप लगाया गया है कि सवालों की पुनरावृत्ति, प्रश्न पत्र के सील का खुला होना और अन्य प्रकार की गड़बड़ियाँ हुई हैं। इस परीक्षा में लगभग 3,04,769 अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था और विभिन्न विभागों में कुल 2,025 पदों पर चयन होना था।
हालाँकि मेरिट सूची जारी नहीं हुई है और कोर्ट ने इसकी पुष्टि नहीं की है, लेकिन इस फैसले से प्रतियोगियों के लिए इंतजार बढ़ गया है। अब अगला कदम क्या होगा — पूरी जांच, संभावित Central Bureau of Investigation (CBI) की सुनवाई या अन्य प्रक्रिया — यह देखने की बात होगी।


