बिहार के मोकामा क्षेत्र में हाल-ही में हुए एक प्रशंसनीय व चर्चित अवसर पर, शिवानंद तिवारी ने 1991 के उस दशक पुराने चुनावी अनुभव को याद करते हुए साझा किया कि कैसे उस समय नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव को साथ लेकर दुलारचंद यादव के प्रभाव वाले गांव में वोट की अपील करने गए थे।
मोकामा-टाल क्षेत्र व आसपास के बूथ-क्षेत्रों में उस समय दुलारचंद यादव की राजनीतिक पकड़ थी और शिवानंद तिवारी ने कहा कि वहाँ कुछ बूथ पर एकतरफा मतदान का असर भी देखा जाता था।
वह बताते हैं, “नीतीश ने लालू को कहा कि चलकर दुलारचंद से मिल लिया जाए, वहाँ जो तीन-चार बूथ हैं उनको भी प्लग किया जाए।”
उनके अनुसार, उस दिन बड़ी भीड़ थी, मीडिया भी आई थी, फोटोग्राफर मौजूद थे, और दुलारचंद यादव ने मिलकर दोनों नेताओं का सिर पर पगड़ी बांध कर स्वागत किया था — उस घटना का चित्र तत्कालीन मीडिया में भी जगह बना था।
शिवानंद तिवारी यह भी बताते हैं कि आज-कल जब मोकामा में उस नेता की हत्या हुई है, तब पुरानी यादें ताज़ा हो गई हैं। राजनीतिक हवा, बूथ-रणनीति, वक्त की बदलती राजनीति — सब कुछ उस लम्हे में समाहित था।


