झारखंड के हजारीबाग केंद्रीय जेल में कथित अनियमितताओं के आरोप में जेलर दिनेश वर्मा और जेल के पांच वार्डन को निलंबित कर दिया गया है। जेल महानिरीक्षक (आईजी) सुदर्शन मंडल ने यह कार्रवाई की है। इसके अलावा, अनुबंध पर काम कर रहे पूर्व सैनिकों में से छह वार्डन को उनकी सेवाओं से मुक्त किया गया है।
अधिकारियों के अनुसार, यह मामला उन आरोपों से जुड़ा है कि कैदियों के साथ मिलीभगत कर विशेष सुविधाएँ प्रदान की गई थीं, विशेषकर ‘खासमहल भूमि घोटाले’ में शामिल एक प्रभावशाली कैदी को।
जानकारी के अनुसार, उस कैदी ने जेल से ही राज्य सरकार को एक मैसेज भेजा था, जिसमें जेल की स्थिति और खाने की गुणवत्ता की शिकायत की गई थी। इस घटना ने इस बात पर सवाल खड़े कर दिए कि किस तरह कैदी को मोबाइल फोन मिला और वह बाहर संदेश भेजने में सक्षम रहा।
सुरक्षा को लेकर जेल में और कड़ाई बरती गई है। जेल के मुख्य द्वार को बंद कर दिया गया है और 24 घंटे एक मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है। जेल परिसर एवं आस-पास गतिविधियों पर सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी बढ़ाई गई है।
अब सवाल यह उठता है कि इन आरोपों की जांच कब तक पूरी होगी और दोषियों पर क्या सख्त कार्रवाई की जाएगी। “बीरसा भूमी” इस मामले की आगे की अनुसंधान रिपोर्ट और सरकारी जवाबदेही पर नज़र बनाए रखेगा।


