पटना: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर जारी बातचीत अब तक निष्कर्ष पर नहीं पहुँच सकी है। दोनों पक्षों की मांग और ऑफर में उल्लेखनीय अंतर बताया जा रहा है।
चिराग पासवान की ओर से यह कहा गया है कि वे केवल ऐसी सीटें चाहेंगे जहाँ जीत की सुनिश्चित संभावना हो — यानी “गुणवत्ता” को प्राथमिकता देना चाहेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया है कि संख्या (कीमत) उन्हें उतनी मायने नहीं रखती जितनी प्रत्याशियों की जीत की संभावना।
वहीं बीजेपी की ओर से प्रस्तावित सीटों का बंटवारा चिराग की अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं है। सूत्रों की माने तो पार्टी सिर्फ 25–28 सीटों की पेशकश कर सकती है, जबकि चिराग 40 सीटों तक की मांग पर अड़े हैं।
इस असहमति के बीच कुछ राजनीतिक विश्लेषक यह सुझाव दे रहे हैं कि यदि दोनों पक्षों में समझौता नहीं हुआ, तो चिराग पासवान एक नए गठबंधन की दिशा में भी देख सकते हैं—विशेष तौर पर प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के साथ संभावित गठबंधन की अटकलें तेज हो गई हैं।
उधर, BJP की रणनीतिक सोच भी मुखर हुई है — कुछ अनुमान है कि ये अड़चन बीजेपी द्वारा चिराग की राजनीतिक महत्वाकांक्षा को तौलने की चतुर नीति हो सकती है।
अब देखना होगा कि अगले कुछ दिनों में सीट बंटवारे की इस झड़प में किसका कदम आगे बढ़ता है। यदि दोनों दलों का तालमेल न बिठा, तो बिहार की राजनीति में और भी नई कड़ियाँ जुड़ सकती हैं।


