श्रद्धालुओं के जयकारों के बीच बदरीनाथ धाम के कपाट खुले

बिरसा भूमि लाइव

  • उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की विधिवत शुरुआत
  • मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं को दी शुभकामनाएं
  • पंद्रह क्विंटल फूलों से सजाया गया मंदिर

बदरीनाथ : ग्रीष्मकलीन दर्शन के लिए बदरीनाथ धाम के कपाट शुभ मुहूर्त रविवार सुबह 6 बजे पूरे विधि-विधान एवं वैदिक मंत्रोच्चार के साथ खुल गए हैं। हजारों भक्त इस पावन पल के साक्षी बने। पहले दिन विशेष पूजा-अर्चना की गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समस्त श्रद्धालुओं को बधाई दी है। गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ एवं बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की विधिवत शुरुआत हो गई है।

बदरीनाथ धाम में ब्रह्म बेला पर सुबह चार बजे से कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हुई। हल्की बारिश के बीच आर्मी बैंड एवं ढोल नगाड़ों की मधुर धुन और स्थानीय महिलाओं के पारम्परिक संगीत-नृत्य के साथ भगवान बद्री विशाल की स्तुति ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। सेना गढ़वाल स्काउट जोशीमठ के बैंड की भक्तिमय स्वर लहरियों सुर लहरियां तथा जय बदरीविशाल के उद्घोष से बदरीश पुरी गुंजायमान रही।

धार्मिक परंपराओं के निर्वहन के साथ कुबेर जी, श्री उद्धव जी एवं गाडू घडा दक्षिण द्वार से मंदिर परिसर में लाया गया। इसके बाद मंदिर के मुख्य रावल समेत धर्माधिकारी, हक हकूकधारी एवं श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पदाधिकारियों द्वारा प्रशासन एवं हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में विधि-विधान के साथ मंदिर के कपाट खोले गए।

मुख्य पुजारी वीसी ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने गर्भगृह में भगवान बद्रीनाथ की विशेष पूजा-अर्चना करते हुए सबके मंगल की कामना की। इसके साथ ही ग्रीष्मकाल के लिए बद्रीनाथ के दर्शन शुरू हो गए है। पहले दिन ही हजारों श्रद्धालुओं ने बद्रीनाथ में अखण्ड ज्योति एवं भगवान श्री बदरीनाथ के दर्शनों का पुण्य अर्जित किया।

कपाट खुलने के दौरान वेदवेदांग संस्कृत महाविद्यालय जोशीमठ के छात्रों व शिक्षकों ने श्री बदरीनाथ मंदिर सिंह द्वार पर स्वास्तिवाचन किया गया। बदरीनाथ पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश की तरफ से बदरीनाथ मंदिर को भव्य रूप से फूलों से सजाया गया था। मंदिर को 15 कुंतल फूलों से सजाया गया था। बदरीनाथ में कल रात से रुक- रुककर बारिश हो रही थी लेकिन आज कपाट खुलते समय हल्की बूंदाबांदी के बीच मौसम साफ रहा। समीपवर्ती पहाड़ियों पर बर्फ दिखाई दे रही थी।

इस अवसर पर दानीदाताओं तथा भारतीय सेना ने तीर्थयात्रियों के लिए भंडारे का आयोजन किया। माणा महिला मंगल दल द्वारा पारंपरिक चांचड़ी, चौंफुला नृत्य से भगवान बदरीविशाल एवं यात्रियों का स्वागत किया। जिला मुख्यालय से आये प्रादेशिक रक्षा दल के महिला बैंड की भी धूम रही। मंदिर समिति स्वयं सेवकों, पुलिस, आईटीबीपी, होमगार्ड द्वारा दर्शन व्यवस्था में पर्याप्त योगदान किया गया।

कपाट खुलने के एक दिन पूर्व ही बद्रीनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी। गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ एवं बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की शुरुआत हो गई है। अब छह माह श्रद्धालु दर्शन और पूजा कर सकेंगे।

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