देश के सबसे बड़े सार्वजनिक बैंक एसबीआई ने वित्त वर्ष 2025-26 की जुलाई-सितंबर तिमाही (Q2) में एकल आधार पर शुद्ध मुनाफा 10 प्रतिशत बढ़ाकर ₹20,160 करोड़ कर लिया है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह ₹18,331 करोड़ था।
प्रमुख बिंदु
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बैंक की कुल आय भी बढ़ी है; इस तिमाही में यह लगभग ₹1,34,979 करोड़ रही, जो पिछले साल इसी तिमाही में ₹1,29,141 करोड़ थी।
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ब्याज से हुई आय (Interest Income) में बढ़ोतरी देखी गयी — इस तिमाही में यह लगभग ₹1,19,654 करोड़ रही, पिछले वर्ष की तुलना में अधिक।
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बैंक की परिसंपत्ति गुणवत्ता (Asset Quality) बेहतर हुई है: सकल गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (GNPA) का अनुपात 1.73 प्रतिशत रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में कम है।
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हालांकि, बैंक के नेट इंटरस्ट मार्जिन (NIM) पर दबाव था — नेट ब्याज आय (Net Interest Income) में वृद्धि हुई है, लेकिन मार्जिन घटने की दिशा में संकेत मिले।
क्या मायने रखता है यह
इस परिणाम से यह संदेश जाता है कि बैंक ने उधार और जमा दोनों पक्षों में संतुलन बनाते हुए अच्छा प्रदर्शन किया है। मुनाफे की वृद्धि ने बाज़ार की उम्मीदों को पीछे छोड़ दिया है। इसके साथ ही बैंक की साख व वित्तीय स्थिति को मजबूती मिली है।
लेकिन यह भी ध्यान देने योग्य है कि ब्याज मार्जिन पर दबाव बना हुआ है, जो भविष्य में बैंकिंग क्षेत्र की चुनौतियों का संकेत दे सकता है।


