बिरसा भूमि लाइव
- पीएम ने कहा- पुरानी संसद भवन की गरिमा कभी कम नहीं होनी चाहिए
- पीएम ने शाह बानो केस का जिक्र कर कांग्रेस पर तंज कसा
- हमें विश्वास है कि नए भारत की झलक देखने को मिलेगी : मेनका गांधी
नई दिल्ली : नई संसद में कदम रखने से पहले पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में आज एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें पक्ष और विपक्ष के कई नेताओं को वरिष्ठता के हिसाब से बोलने का मौका मिला। पीएम मोदी ने शाह बानो केस का जिक्र कर कांग्रेस पर तंज भी कसा। उन्होंने कहा कि हम सब ऐसे कालखंड में हैं, हम लोग भाग्यवान लोग हैं। ऐसे समय में हमें कुछ दायित्व निभाने का अवसर आया है और हमारा सबसे बड़ा भाग्य है कि आज हमारी आकांक्षाएं उस ऊंचाई पर हैं जो शायद पिछले हजार साल में नहीं रही होंगी। गुलामी की जंजीरों ने आकांक्षाओं को दबोच कर रखा था। आज भारत नए लक्ष्य गढ़ना चाहता है। पीएम ने आज एक और बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा, ‘मैं एक प्रार्थना कर रहा हूं कि आप दोनों स्पीकर और उपराष्ट्रपति जी मंथन करके निर्णय कीजिए… जब हम नए सदन में जा रहे हैं तब इसकी (पुरानी संसद) गरिमा कभी भी कम नहीं होनी चाहिए। इसे सिर्फ पुरानी संसद कहकर छोड़ दें, ऐसा नहीं होना चाहिए। मेरी प्रार्थना है कि भविष्य में इसे संविधान सदन के रूप में जाना जाए।’ आइए जानते हैं कि मेनका गांधी, अधीर रंजन चौधरी से लेकर पीएम मोदी ने क्या-क्या कहा। शुरू में लोकसभा में कार्यकाल की दृष्टि से वरिष्ठतम वर्तमान संसद सदस्य श्रीमती मेनका गांधी को बोलने के लिए आमंत्रित किया गया।
मेनका ने कहा कि हम नई बिल्डिंग में जा रहे हैं और हमें विश्वास है कि नए भारत की झलक देखने को मिलेगी। उन्होंने कहा कि मैंने 32 साल की उम्र में संसद में कदम रखा था, मेरे पति की मौत के 9 साल के बाद। मैं पर्यावरण मंत्री बनी। 35 साल के अपने कार्यकाल में मैंने अब तक 7 प्रधानमंत्री देखे हैं। इस पर सेंट्रल हॉल में काफी तालियां बजीं। मेनका गांधी ने कहा कि मैं काफी समय तक निर्दलीय सदस्य रही। 2004 में मैं भाजपा में शामिल हुई। उन्होंने कहा कि संसद का सदस्य होना अपने साथ काफी जिम्मेदारियां लेकर आता है। लाखों वोटरों की आवाज को सामने रखना कर्तव्य होता है।
पीएम के भाषण की बड़ी बातें
- ये भवन और उसमें भी ये सेंट्रल हॉल हमारी भावनाओं से भरा हुआ है, ये हमें भावुक भी करता है और हमें हमारे कर्तव्यों के लिए प्रेरित भी करता है।
- 1952 के बाद दुनिया के करीब 41 राष्ट्राध्यक्षों ने इस सेंट्रल हॉल में हमारे सभी माननीय सांसदों को संबोधित किया है। हमारे सभी राष्ट्रपति महोदयों के द्वारा 86 बार यहां संबोधन दिया गया है।
- भारत पांचवीं अर्थव्यवस्था पर पहुंचा लेकिन पहले तीन में पहुंचने के संकल्प के साथ बढ़ रहा है।
- मैं बड़े विश्वास से कह रहा हूं, हममें से कुछ लोगों को निराशा हो सकती है लेकिन दुनिया आश्वस्त है कि भारत टॉप-3 में पहुंचकर रहेगा।
मुझे इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनने पर गर्व : मेनका
संसद के विशेष सत्र के दौरान भाजपा सांसद मेनका गांधी ने कहा, ‘आज एक ऐतिहासिक दिन है और मुझे इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनने पर गर्व है। हम एक नई इमारत में जा रहे हैं और उम्मीद है कि यह भव्य इमारत नए भारत की आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करेगी। आज, मुझे लोकसभा में सबसे वरिष्ठ सांसद के रूप में इस सम्मानित सभा को संबोधित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है… मैंने अपना अधिकांश जीवन इस संस्थान में बिताया है और मैंने 7 प्रधानमंत्रियों और भव्य इतिहास को आकार लेते हुए देखा है। एक स्वतंत्र सदस्य के रूप में मेरे पास कई कार्यकाल थे और अंततः अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा में शामिल हुई।’
पुराने संसद भवन को मिला नया नाम
संसद के विशेष सत्र के दौरान पीएम मोदी ने कहा, ‘मेरी प्रार्थना और सुझाव है कि जब हम नये संसद भवन में जा रहे हैं तो इसकी (पुराना संसद भवन) गरिमा कभी भी कम नहीं होनी चाहिए। इसे सिर्फ ‘पुराना संसद भवन’ कहकर छोड़ दें, ऐसा नहीं होना चाहिए। अगर आप सब की सहमति हो तो इसे भविष्य में ‘संविधान सदन’ के नाम से जाना जाए।’