दिल्ली के प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. शैलेश सिंह ने हाल ही में एक सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से बताया कि कैसे उनके एक मित्र ने केवल करेले के जूस के बजाय जीवनशैली में बदलाव के माध्यम से डायबिटीज को “प्राकृतिक रूप से” रिवर्स किया। डॉ. सिंह ने यह स्पष्ट किया कि कोई भी एकल उपाय, जैसे करेले का जूस, पर्याप्त नहीं है; इसके लिए निरंतर प्रयास और समर्पण की आवश्यकता होती है।
डॉ. सिंह ने साझा किया कि उनके मित्र ने निम्नलिखित पांच आदतों को अपनाया:
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वजन कम करना: मित्र ने 20 किलो वजन घटाया, जिससे शरीर में इंसुलिन प्रतिरोध कम हुआ और रक्त शर्करा नियंत्रित हुई।
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नियमित चलना: प्रतिदिन 10 किलोमीटर चलने से रक्त शर्करा जलाने में मदद मिली और हृदय स्वास्थ्य में सुधार हुआ।
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अच्छी नींद लेना: प्रतिदिन 8 घंटे की गुणवत्ता वाली नींद से हार्मोनल संतुलन बना और मेटाबोलिज़्म में सुधार हुआ।
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नियमित व्यायाम करना: प्रतिदिन एक घंटे का व्यायाम करने से रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिली।
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शराब का सेवन बंद करना: शराब का सेवन बंद करने से रक्त शर्करा के स्तर में सुधार हुआ और इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ी।
डॉ. सिंह ने यह भी बताया कि उनके मित्र ने इन आदतों को अपनाने के बाद ही रक्त शर्करा के स्तर में सुधार देखा, और केवल करेले के जूस के सेवन से कोई विशेष लाभ नहीं हुआ।
यह उदाहरण दर्शाता है कि डायबिटीज को नियंत्रित करने और रिवर्स करने के लिए जीवनशैली में समग्र बदलाव आवश्यक हैं। केवल किसी एक उपाय पर निर्भर रहने के बजाय, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद, और शराब का सेवन कम करने जैसी आदतों को अपनाना चाहिए।


