प्रिंस वर्मा
- गिरजा फाउंडेशन के तत्वावधान में विद्यालय के बच्चों के बीच बांटा गया स्कूल बैग, बच्चों के खिल उठे चेहरे
रांची : छत्तर मांडू स्थित शारदा शिशु विद्या मंदिर में बुधवार को एक समारोह आयोजित कर विद्यालय के बच्चों के पाठ्य सामग्री का वितरण किया गया। पाठ्यसामग्री का वितरण गिरजा फाउंडेशन के तत्वावधान में किया गया। इस दौरान मुख्य रूप से मौजूद गायत्री मन्दिर के वरिष्ठ पुजारी रामवृक्ष पांडेय मौजूद थे। मौके पर उन्होंने कहा की वर्तमान में शिक्षा काफी जरूरी हैं। शिक्षा के बिना बेहतर भविष्य की कल्पना नही की ज सकती हैं। शिक्षित होकर ही सशक्त समाज का निर्माण कर सकते हैं। वहीं हार्ट सर्जन डॉ संतोष पांडेय ने कहा कि हर जरूरतमंद लोगों तक सहयोग पहुंचे, इसी उद्देश्य के साथ गिरजा फाउंडेशन काम कर रही हैं। गरीबों का मदद करना ही पहली प्राथमिकता हैं। गिरजा फाउंडेशन सामाजिक कार्यों में बढ़चढ़कर हिस्सा लेती हैं।
इस दौरान डॉ सुरुचि पांडेय, शमा पांडेय, आकांक्षा पांडेय ने बच्चों के बीच मिठाई का पैकेट बांटा। कहा कि पढ़ाई में कुछ भी समस्या आती हैं तो गिरजा फाउंडेशन बढ़चढ़कर मदद करने का काम करेगी। मौके पर समाजसेवी ज्वाला सिंह, तरनजीत सिंह, सुधांशु पांडेय, मनियम साव, विजय साव, दिवाकर दांगी, विद्यालय के प्राचार्य अरुण कुमार, विद्यालय प्रबंधन समिति के पूनम पांडेय सहित शिक्षिका रेणु कुमारी, जलेश्वरी देवी, प्रेम कुमार, पंकज कुमार, काजल कुमारी, पम्मी देवी, वीणा कुमारी, बहादुर महतो, पंकज महतो, सुमन कुमारी आदि थे।
लक्ष्य निर्धारित कर मेहनत करें, सफलता जरूर मिलेगा : सतीश पांडेय : आईएएस अधिकारी सतीश पांडेय ने कहा कि कहा कि अपनी जीवन में सफलता के लिए बेहतर शिक्षा जरूरी है। शिक्षा की आवश्यकता आज समाज के प्रत्येक वर्ग के व्यक्ति को है। पढ़-लिखकर ही व्यक्ति समाज के बीच बैठने योग्य बनता है तथा सभ्य कहलाता है। कहीं भी सम्मान उसी व्यक्ति को दिया जाता है, जो समाज के लिए कुछ करता है। अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरी निष्ठा व लग्न से पढ़ाई करने होंगे।
ऐसा करने से निश्चित रूप से सफलता हासिल की जा सकती है। अपनी अंदर की खामी को दूर कर लो तुम से अच्छा कोई नहीं है। शिक्षा से हम बोलना, पढ़ना, लिखना सीखते हैं। जिस दिन इसका उद्देश्य जान जाओगे, उस दिन अपने जीवन में कुछ बन सकते हो। शिक्षा के उद्देश्य के पीछे कल्याण भी छिपा हुआ है। अगर तुम विद्वान हो गए और शिक्षा किसी को नहीं दी, तो इस शिक्षा का कोई महत्व नहीं है। विद्यालय शिक्षा का मंदिर है, जो हमें अंधेरा से प्रकाश की ओर ले जाती है।