तिरंगे के साथ शिया समुदाय का निकला मातमी जुलूस

बिरसा भूमि लाइव

कर्बला वालों की याद से इंसानियत को जिंदगी मिलती है : मौलाना

प्यासों को पानी पिलाया जाता है छीना नही जाता : तहजीबुल हसन

रांची: दसवीं मोहर्रम के मौका पर रांची शहर में शिया मुसलमानों ने मौलाना सैयद तहजिबुल हसन रिजवी की अगुवाई में मातमी जुलूस कर्बला की याद में निकाला गया। बाद नमाज़ जोहर मस्जिद मजलिस जिक्रे शहिदाने कर्बला इमाम हुसैन का आयोजन किया गया। मजलिस में मरसिया खानी अशरफ हुसैन ने किया।

मजलिस को संबोधित करते हुए ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड झारखंड के चेयरमैन व मस्जिद जाफरिया के इमाम व खतीब हजरत मौलाना सैयद तहजिबुल हसन रिजवी ने कर्बला के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहां के कर्बला वालों की याद से इंसानियत को जिंदगी मिलती है। प्यासो को पानी पिलाया जाता है, पानी छिना नहीं जाता। तारीख ए कर्बला दुनिया ए इसलाम का सबसे गमनाक, अफसोसनाक तारीख है। जिसे सुनकर बड़े-बड़े दिलेरो के दिल कांप जाता है। मैदान ए कर्बला में हजरत इमाम हुसैन की जगह दुनिया का बड़े से बड़ा बहादुर होता तो कर्बला में हो रहे जुल्म को बर्दाश्त ना करता। लेकिन हजरत इमाम हुसैन ने अपने 72 की कुर्बानी देकर इसलाम की रक्षा की और इसलाम को हमेशा हमेशा के लिए बचा लिया। इमामे हुसैन और उनके 72 साथियों की कुर्बानी दुनिया कभी भुला नहीं सकती। हजरत इमाम हुसैन की सच्चाई, किरदार और इंसाफ का आइडियल कहा जाए तो गलत ना होगा।

मौलाना ने कहा कि कर्बला की जंग दुनिया की पहली दहशतगरदाना जंग थी। जिसमें शहीद होने वाले लोगों में 6 माह का बच्चा अली असगर भी था। कर्बला में हजरत इमाम हुसैन ने चंद घंटों में 71 लाशें उठाई। 3 दिन के भूखे प्यासे इमामे हुसैन को सिमर ने शहीद कर दिया। जिसे सुनकर पूरा मजमा रोने लगा। हाय हुसैन, हाय हुसैन की सदा मस्जिद जाफ़रिया में गूंज उठा। मौलाना ने कहा कि रांची की यह खूबसूरती रही है की अहले सुन्नत के सैंकड़ों अखाड़े हमारे मातमी जुलूस को अपने बीच से रास्ता देते हैं। और जुलूस मातम करते हुए आगे बढ़ जाती है।

मजलिस के बाद तिरंगे के साथ अलम और ताबूत निकाला गया। जो विक्रांत चौक पहुंचने पर लोअर बाजार थाना प्रभारी दयानंद और उनकी टीम ने अलम को सलामी दी।

जुलूस में नोहा खानी करते हुए लोग आगे बढ़ रहे थे। जुलूस आगे बढ़ने पर सेंट्रल मोहर्रम कमेटी के महासचिव अकील उर रहमान के द्वारा लगाए गए इंस्टॉल पर जुलूस को रोक कर जुलूस पर गुलाब पानी की बारिश की गई। जिसमें सेंट्रल मोहर्रम कमेटी के अध्यक्ष जावेद गद्दी, महासचिव अकील उर रहमान, उपसचिव आदिल रशीद, उपाध्यक्ष आफताब आलम, डॉ एम हसनैन, सोहेल सईद, हाजी साहब अली आदि ने जुलूस का स्वागत किया। जुलूस या हुसैन या अली के सदाओं के साथ आगे बढ़ा। जहां हनुमान मंदिर पर सद्भावना समिति, महानगर दुर्गा पूजा समिति, श्री महावीर मंडल के पदाधिकारियों ने जुलूस का स्वागत किया। जय सिंह यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, महावीर मण्डल के अध्यक्ष राजीव रंजन मिश्रा, अंजुमन इस्लामिया के अध्यक्ष हाजी मुख्तार, अंजुमन के महासचिव डॉक्टर तारिक, समेत कई लोगों ने जुलूस का स्वागत किया।

मौलाना तहजीब उल हसन हनुमान मंदिर के पास जुलूस में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए कहा आज हमारा मुहर्रम जुल्म के खिलाफ आवाज़ उठाने का जज्बा पैदा करता है। दूसरे के दुख दर्द को दूर करने और हक़ पर जान देना सिखाता है। मौलाना ने कहा कि अगर तमाम इंसानों में सच्चाई के प्रति जागरूकता पाई जाए तो हर तरफ अमन नजर आएगा। जुलूस आगे बढ़ते हुए अंजुमन प्लाजा, डॉक्टर फातुल्लाह रोड, कर्बला चौक होते हुए कर्बला पहुंचकर संपन्न हुआ। जुलूस का संरक्षक अंजुमन जाफरिया के अध्यक्ष डॉक्टर शमीम हैदर, सचिव अशरफ हुसैन कर रहे थे। नोहा ख़्वानी अमीर गोपालपुरी, कासीम अली, अली रजा ने किया।

मुहर्रम के कार्यक्रम को कामियाब बनाने वालों में सैयद फराज अब्बास, शारूख हसन रिजवी, हाशिम अली, यावर हुसैन, हैदर अली, नदीम रिजवी, कासिम अली, एस एच फातमी, अशरफ हुसैन हैं। इस मौके पर सैयद शारूख हसन रिजवी, एस जसीम रिज़वी, डॉ मुबारक अब्बास अली नवाब अली हसन फातमी, सैयद फराज अब्बास, इकबाल फातमी, अली नवाब, जावेद हैदर, अनीस हैदर, यादगार नकवी, एस एच फातमी, नासिर हुसैन, शमीमुल हसन, समेत सैकड़ों लोग शामिल थे।

Related Articles

Stay Connected

1,005FansLike
200FollowersFollow
500FollowersFollow

Latest Articles