बिरसा भूमि लाइव
रांची : शहर के सीसीएल दरभंगा हाउस सभागार में रविवार को देश के 13 पर्वतारोहियों का जुटान हुआ। सभी ने अपने अनुभवों को साझा किया। पर्वतारोहियों ने कहा कि बात जीवन के एवरेस्ट की हो या वास्तविक एवरेस्ट की, यदि आप फतह हासिल करना चाहते हैं तो आप में जोश से ज्यादा जरूरी खुद पर भरोसे का होना है।
उन्होंने कहा कि मोटिवेशनल कहानियां सुनकर, वीडियो देखकर आप में एवरेस्ट फतह करने का जोश तो आ सकता है लेकिन इस सफलता के लिए आपका खुद पर भरोसा जरूरी है। सफलता तभी मिलती है जब भीतर आत्मविश्वास होता है। पर्वतारोहियों ने कहा कि अब तो एवरेस्ट फतह करने वालों की बाढ़ सी आ गयी है लेकिन इसमें अधिकांश को मौका नहीं मिलता। साथ ही कहा कि अब पर्वतारोहण के नाम पर पहाड़ गंदे हो रहे हैं। पहाड़ों के प्रति सम्मान में कमी आयी है। हमें इसका भी ध्यान रखना होगा।
इन पर्वतारोहियों में जैमलिंग तेनजिंग नोर्गे, मेघा परमार, अरुणिमा सिन्हा, सत्यरूप सिद्धांत, मनीषा वाघमारे, कुंतल जोइशर, अनुजा आनंद वैद्य, भगवान चावले, हेमंत गुप्ता, अदिती वैद्य, कर्नल रणवीर जामवाल, विनीता सोरेन, रुद्र प्रसाद हलधर, प्रियंका मोहिते, प्रेमलता अग्रवाल शामिल रहे।
उल्लेखनीय है कि साल 1953 में न्यूजीलैंड के एडमंड हिलेरी और दार्जिलिंग के तेनजिंग नोर्गे ने एवरेस्ट पर फतह हासिल की थी। इस सफलता को आज 70 साल पूरे हो चुके हैं। इसी मौके पर रांची में एवरेस्ट समिट आयोजित किया गया। सीसीएल, साइबर पीस फाउंडेशन और आइडियेट इंस्पायर इग्नाइट फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास से आयोजित इस कार्यक्रम में पहली बार ऐसा हो रहा है, जब 13 पर्वतारोहियों ने एक मंच से अपने-अपने अनुभव साझा किए।