बिरसा भूमि लाइव
रांची: मणिपुर में आदिवासी महिलाओं के साथ हुए दुर्व्यवहार एवं अमानवीय घटना को लेकर विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि हर महिला का सम्मान बराबर हो, लेकिन जब वो महिला किसी भारतीय सेना के उस जवान के साथ हो, जिसने कारगिल की रक्षा की हो, जिसने श्रीलंका में जाकर भारत का मान बढ़ाया हो तो उस महिला के प्रति अगर हृदय में भाव है और उसकी एक लाईन जो मुझे चुभ गई, पीड़ा दे गई कि मैंने कारगिल तो बचा लिया, पर अपनी पत्नी, अपने बच्चे, अपना गांव नहीं बचा पाया, ये बात बहुत दूर तक छूती है।
जिसके मन में जरा भी महिलाओं के लिए सम्मान होगा, जो कुछ मणिपुर में हुआ है, उससे वीभत्स कुछ नहीं हो सकता। पूरा देश का सर झुकाने वाला, पूर्वाेत्तर जल रहा है। श्रीमती पांडे रविवार को कांग्रेस भवन में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थी।
विधायक ने कहा कि प्रधानमंत्री सात देशों का दौरा मेरी जानकारी में कर आये, लेकिन प्रधानमंत्री मणिपुर के लिए समय नहीं निकाल पाए या उनको ऐसा लगता होगा कि मणिपुर में घट रही घटनाएं इतनी महत्वपूर्ण नहीं है। एक बात याद आती है कि जब रोम जल रहा था, तो नीरो बांसुरी बजा रहा था।
विदेशों में प्रधानमंत्री भाषण बड़ी-बड़ी देते हैं पर मणिपुर के लिए दो शब्द नहीं थे उनके पास, जब सर्वोच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लिया तब प्रधानमंत्री बेवशी में मीडिया से मुखातिब हुए। मणिपुर पर कम राजस्थान और छतीसगढ़ पर भाषण देकर इस तरही घटना पर भी राजनीतिकरण करने का काम किया। कम से कम अपील ही कर लेते शान्ति स्थापित होना चाहिए। हमें गर्व है अपने नेता राहुल गांधी पर। तमाम व्यवधान के बीच वो गए और उनको हर समुदाय ने गले से लगाया, उन्हें रोकने की कोशिश सरकार की ओर से हुई किन्तु न वो रूके ना वो झुके और ना डरे। प्रश्न यह उठता है कि उनकी गुप्त एजेंसियां क्या कर रही थी। विपक्ष के विधायकों को डराने के लिए भाजपा में सम्मिलित कराने के लिए जो तत्परता दिखाती है वो तत्परता मणिपुर में कहां चली गई। जबकि महिला आयोग, मणिपुर की राज्यपाल तक चिंता व्यक्त कर चुकी, लेकिन मणिपुर की हिंसा नहीं रूकी।
दुख इस बात का भी है मणिपुर में शांति स्थापित करने की बजाय मणिपुर के मुख्यमंत्री यह कहते है कि ऐसी घटना सैकडों की संख्या में होती है। यह बयान नैतिक पतन की पराकष्ठा है। यह बात बिल्कुल साफ हो गई कि भाजपा में महिलाओं का सम्मान नहीं है। यूपीए सरकार में थोडी से पेट्रोल और गैस की कीमत बढ़ने पर गैस का सिलेडंर माथे पर रखकर सड़कों पर आंदोलन करने वाली महिला बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी खामोश क्यों हैं। क्या उन्हें भी बोलने का आदेश नहीं जो स्वंय एक महिला हैं। अगर आप महिला होकर भी एक महिला पर इस तरह की घटना की निंदा नहीं कर सकते तो लांनत है आपको। आपको अविलंब इस्तीफा देना चाहिए।
हर प्रदेश में महिलाओं के साथ सेक्सुअल हरासमैंट होना एक अलग मुद्दा है, लेकिन उसको मणिपुर के मुद्दे के साथ जोड़ना, मणिपुर के उस वीडियो के साथ जोड़ना बिल्कुल गलत है। हर प्रदेश में, हर जगह पर, जहां पर महिलाओं के साथ अगर इस तरह का दुर्व्यवहार होता है, तो कांग्रेस उनके साथ खड़ी है।
संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश कांग्रेस सेवादल की अध्यक्ष नेली नाथन, सुन्दरी तिर्की, महानगर कांग्रेस अध्यक्ष डॉ कुमार राजा उपस्थित थे।