हजारीबाग — झारखंड उच्च न्यायालय ने हजारीबाग शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर तख्तापलट रुख अपनाया है। जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पूछा कि पिछले निर्देशों के बावजूद अब तक सुधार क्यों नहीं हुआ। सरकार की ओर से संतोषजनक जवाब न मिलने पर अदालत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की।
खंडपीठ, जिसमें मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति राजेश शंकर शामिल हैं, ने राज्य सरकार को अंतिम मौका देते हुए कहा कि यदि 12 नवंबर तक ट्रैफिक सुधार नहीं हुआ तो अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
इससे पहले अदालत ने देखा कि शहर की सड़कों पर जाम, वाहन पार्किंग की अनियमित स्थिति और पैदल यात्रियों की सुविधा की अनदेखी आम हो गई है। इस स्थिति को सुधारने के लिए अदालत ने राज्य और नगर निकायों से विस्तृत योजना और रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।
न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया कि हर मार्ग पर ट्रैफिक सिग्नल, चौराहों की व्यवस्था, फुटपाथ और संकेत बोर्ड समयबद्ध तरीके से स्थापित किए जाएँ। साथ ही, ट्रैफिक नियंत्रण नीति की समीक्षा कर ज़रूरतमंद सुधार किए जाएँ।
अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि यह अंतिम चेतावनी है — यदि तय समय तक आवश्यक परिवर्तन नहीं हुए, तो सरकार एवं संबंधित विभागों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


