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रांची : झारखंड हाई कोर्ट ने डाल्टेनगंज विधायक आलोक चौरसिया के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका शुक्रवार को ख़ारिज कर दी है। हाई कोर्ट के जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की कोर्ट ने पूर्व में सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
दरअसल, कांग्रेसी नेता केएन त्रिपाठी ने चुनाव याचिका दाखिल कर कहा था कि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव के नामांकन के दौरान आलोक चौरसिया की उम्र 25 वर्ष पूरी नहीं हुई थी। इस कारण वे चुनाव लड़ने के अयोग्य थे. इसलिए उनका निर्वाचन रद्द किया जाए।
हाई कोर्ट ने मामले की पूरी सुनवाई के दौरान बहस एवं सबूतों की जांच के बाद पाया कि विधायक आलोक चौरसिया की जन्म तिथि 15 फरवरी 1988 है। हाई कोर्ट के जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की कोर्ट ने पूर्व में सभी पक्षों को सुनवाई पूरी करने के बाद मामले में फैसला सुरक्षित रखा था।
सुनवाई के दौरान विधायक आलोक चौरसिया की ओर से वरीय अधिवक्ता वीपी सिंह ने कोर्ट को बताया था कि आलोक चौरसिया ने नामांकन फॉर्म भरते समय गलती से जन्मतिथि वर्ष 1995 लिख दिया था। बाद में वे इसे ठीक नहीं करा सके थे, लेकिन उन्होंने वर्ष 2012 में अपने जन्म तिथि में सुधार की कार्रवाई शुरू की थी। इसके बाद वर्ष 2014 में उनकी जन्मतिथि में झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने सुधार किया था।
याचिकाकर्ता केएन त्रिपाठी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता सलमान खुर्शीद, हाई कोर्ट के अधिवक्ता महेश तिवारी एवं अभिषेक कुमार दुबे ने बहस की थी। अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया था कि आलोक चौरसिया की जन्म तिथि 15 फरवरी, 1995 है। झारखंड विधानसभा चुनाव के नामांकन के समय में आलोक चौरसिया की उम्र 25 वर्ष से कम थी, इसलिए वे चुनाव लड़ने के योग्य नहीं थे।