गुमला : स्कूली विद्यार्थियों का बनाया जा रहा है हेल्थ कार्ड

बिरसा भूमि लाइव

  • बच्चों के स्वास्थ्य को मॉनिटर करने की दिशा में जिला प्रशासन की नई पहल
  • जिले के सभी कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय एवं सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालय के 5000 से अधिक विद्यार्थियों के बीच हुआ हेल्थ कार्ड का वितरण

गुमला : उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की पहल से जिले के विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए नई पहल “सिकछा कर भेंट” गतिविधि का प्रारंभ कर विद्यार्थियों के शिक्षा स्तर को बेहतर बनाने की पहल की जा रही है वहीं विद्यार्थियों के स्वस्थ स्वास्थ्य हेतु भी उपायुक्त के निर्देशानुसार जिले के सभी आवासीय विद्यालयों में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन करते हुए सभी बच्चों का स्वास्थ्य जांच भी किया गया। इसी कड़ी में उपायुक्त द्वारा एक और नई पहल की शुरुआत की गई जिसके तहत जिले के सभी सरकारी विद्यालयों के बच्चों का 1 साल का हेल्थ कार्ड बनाया जा रहा है। आज जिले के 12 कस्तूरबागांधी आवासीय विद्यालय एवं सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालय के 5000 से अधिक विद्यार्थियों के बीच हेल्थ कार्ड का वितरण किया गया।

जिला शिक्षा अधीक्षक मोहम्मद वसीम अहमद ने जानकारी दी कि उपायुक्त के निर्देशानुसार पहले चरण में जिले के सभी आवासीय विद्यालयों में हेल्थ कार्ड का वितरण किया जाएगा एवं दूसरे चरण में अन्य सरकारी विद्यालयों के बच्चों का हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा। इस हेल्थ कार्ड वितरण का मुख्य उद्देश्य बच्चों के स्वास्थ्य पर नजर रखना है ताकि किसी भी आकस्मिक परिस्थिति में बच्चों के स्वास्थ्य चेकअप एवं चिकित्सा हेतु डॉक्टर्स को पिछले स्वास्थ्य रिकॉर्ड की जानकारी रहेगी एवं बच्चों को त्वरित चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराया जा सकेगा।

उन्होंने बताया कि सभी बच्चों का 1 वर्ष का हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा जिसमें विद्यार्थियों के किए जाने वाले नियमित चेकअप रिपोर्ट डॉक्टर्स के द्वारा उस कार्ड में लिखे जाएंगे। 1 वर्ष के बाद पुनः विद्यार्थियों का हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा। बच्चे स्वयं भी यदि अपने चिकित्सा हेतु किसी डॉक्टर के पास जाएंगे तो वे अपना हेल्थ कार्ड डॉक्टर को दिखा सकेंगे। इस हाथ कार्ड में एनीमिया जांच, हिमोग्लोबिन रिपोर्ट, बीपी, हाइट , वेट जैसे मुख्य जांच रिपोर्ट का डाटा लिखा जाएगा। हेल्थ कार्ड में बच्चों के जांच रिपोर्ट के साथ साथ बच्चों को स्वास्थ्य रहने के लिए आवश्यक जानकारी भी लिखे गए है ताकि बच्चों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जा सके।

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