बिरसा भूमि लाइव
- झारखंड कंज्यूमर प्रोडक्ट डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन (जेसीपीडीए)
रांची : झारखंड एमएसएमई पॉलिसी के प्रभावी होने के साथ ही पहली बार उद्योग लगा रहे उदयमियों की सहायता के लिए उद्योग निदेशालय के गठन के निर्णय का स्वागत करते हुए जेसीपीडीए ने राज्य सरकार से आग्रह किया कि नई नीति में एफएमसीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स को प्राथमिकता दिए जाने पर विचार किया जाय।
जेसीपीडीए के अध्यक्ष संजय अखौरी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा डिस्ट्रीब्यूटर्स को एमएसएमई की श्रेणी में शामिल जरूर किया गया है किंतु योजना के लाभ से खुदरा व्यापारी और एफएमसीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स वंचित हैं। योजना के अनुरूप डिस्ट्रीब्यूटर को लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नई नीति में डिस्ट्रीब्यूटर्स को योजना का लाभ मिले और उन्हें SME’s की भांति इंडस्ट्रियल एरिया में वेयरहाउस व गोदाम के लिए भूमि आवंटित की जाय।
जेसीपीडीए के अध्यक्ष श्री अखौरी ने यह भी कहा कि हमने यह देखा है कि पर्याप्त संसाधन और कानूनी जटिलताओं के कारण कई राष्ट्रीय और बहुराष्ट्रीय कम्पनियों ने अपना वेयरहाउस हमारे प्रदेश से पडोसी राज्यों यथा बिहार, बंगाल, छत्तीसगढ़ में शिफ्ट कर लिया है जिससे राज्य सरकार को टैक्स के रूप करोड़ों रूपये का नुकसान तो हो ही रहा है, भारी संख्या में रोजगार भी घटना रहा है।
उद्योग विभाग और गठित होनेवाली एमएसएमई निदेशालय को इसके कारणों की भी समीक्षा करनी चाहिए तथा नई नीति के माध्यम से जो कम्पनिया अन्य प्रदेशो में शिफ्ट हो गई हैं, उन्हें वापस अपने राज्य में स्थापित करने के साथ ही वेयरहाउस बनाने के लिए प्राथमिकता देनी चाहिए। उद्योग विभाग के इस प्रयास से राज्य सरकार के राजस्व संकलन में भारी बढ़ोत्तरी देखने को मिलेगी। विदित हो कि इस मामले में जेसीपीडीए द्वारा मुख्यमंत्री और उद्योग विभाग को भी पत्राचार कर उचित कार्रवाई का आग्रह किया गया है।