प्रिंस वर्मा
रामगढ़ : रजरप्पा कोयलांचल सहित चितरपुर, गोला एवं दुलमी आसपास के क्षेत्रों में छठ महापर्व धूमधाम से मनाया गया। रजरप्पा में सोमवार की सुबह दामोदर नदी छठ घाटों पर सैकड़ों व्रती महिलाओं ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। इसके साथ ही चार दिवसीय आस्था का महापर्व संपन्न हो गया। महिलाओं ने परिवार की सुख समृद्धि के लिए छठी मइया से कामना की। पूजन के साथ गीतों ‘पटना के हवीं पाटन देवी, आगरा अइसन घाट, उतरले सूरज देव भइले अरघिया के जून…’ ‘पूजेली चरण तोहार हे छठी मइया’ आदि के जरिये छठी मैया के प्रति श्रद्धा व्यक्त की।
छठ महापर्व के अंतिम दिन भगवान भास्कर और छठी मइया की उपासना के लिए यमुना के घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। कोई दंडवत करते तो कोई सिर पर प्रसाद की टोकरी रखे नंगे पैर घाट पर पहुंचा। विधिविधान से छठी मइया की पूजा की। दामोदर और भैरवी में डुबकी लगाई और उदयमान (उगते हुए) सूर्य को अर्घ्य दिया।
कुंदरू, बड़कीपोना, रामगढ़, छिन्नमस्तिका मन्दिर के छठ घाट पर व्रती महिलाएं तड़के चार बजे से ही पहुंचने लगीं। इनके साथ बच्चे और परिवार के बाकी लोग भी थे। इन्होंने पूजन में सहयोग किया। दामोदर नद और भैरवी नदी की गोद में खड़ी, मांग से लेकर पूरी नाक तक सिंदूर लगाए महिलाओं के चेहरे से तेज झलक रहा था।