चाईबासा : मानव तस्करों के चंगुल से बचायी गयी चार युवतियां

  • पश्चिमी सिंहभूम से तमिलनाडु भेजी जा रहीं थी चारों युवतियां

  • एस्पायर संस्था के सहयोग से पुलिस को मिली सफलता

बिरसा भूमि लाइव

चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम जिले के नोवामुंडी थाना क्षेत्र अन्तर्गत गुंडीजोड़ा गांव की चार युवतियां मानव तस्करी कर तमिलनाडु भेजी जा रहीं थीं। उन्हें एस्पायर संस्था के सहयोग से नोवामुंडी थाना पुलिस ने बचाकर उनके परिजनों को सौंप दिया।

इस संबंध में एस्पायर संस्था के सदस्य सह बाल अधिकार कमिटी, नोवामुंडी प्रखंड के अध्यक्ष सुरेन्द्र चातोम्बा ने शुक्रवार को बताया कि एस्पायर संस्था के सदस्यों को सूचना मिली कि नोवामुंडी स्थित बस स्टैंड में गुंडीजोड़ा गांव की कुछ युवतियां बैठी हैं। इन युवतियों को उसी गांव की एक महिला मानव तस्कर तमिलनाडु ले जा रही है।

इस सूचना के बाद एस्पायर संस्था की महिला व पुरुष सदस्य सक्रिय होकर नोवामुंडी बस स्टैंड पहुंचे। बस स्टैंड में बैठी युवतियों से पूछताछ प्रारम्भ किया। पहले युवतियों ने मामले को छुपाने की कोशिश की। इसके बाद नोवामुंडी थाना को सूचना देकर सभी को थाना ले जाया गया। थाना में पूछताछ के दौरान सभी ने बताया कि वे बालिग हैं और काम करने तमिलनाडु जा रही हैं। इसके बाद पुलिस ने सभी युवतियों के अभिभावकों को थाना बुलाकर पूछताछ की। अभिभावकों ने बताया कि उन्हें तमिलनाडु जाने की कोई जानकारी नहीं है। बाद में आधार कार्ड देखा गया, जिसमें सभी युवती के बालिग होने का प्रमाण मिला। बाद में सभी को उनके अभिभावकों को सुरक्षित सौंप दिया गया।

उल्लेखनीय है कि सारंडा व लौहांचल क्षेत्र में भारी बेरोजगारी की समस्या है। इस बेरोजगारी की वजह से युवक-युवतियों का पलायन दूसरे राज्यों में निरंतर जारी है। कमीशन के लिए इस कार्य में मानव तस्करों का कई ग्रुप सक्रिय है। यह मानव तस्कर नाबालिग युवक-युवतियों के आधार कार्ड को भी अपडेट करवा कर उनके उम्र में बदलाव कर उन्हें बालिग कर देते हैं, ताकि मानव तस्करी के दौरान यदि पकडे़ जाएं तो गंभीर मामला नहीं बने।

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