बिरसा भूमि लाइव
सहरसा : शिक्षा विभाग के एक पदाधिकारी द्वारा नित्य नये फरमान को लागू करने से शिक्षको में काफी आक्रोश व्याप्त है। इस बाबत शारीरिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष रोशन सिंह धोनी ने कहा कि शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक द्वारा पत्र जारी कर निर्देश दिया गया कि आगामी 4 माह सितम्बर, अक्टूबर, नवम्बर और दिसंबर में शिक्षकों को मात्र पांच छुट्टी दी जाएगी। जबकि पूर्व के कैलेंडर के अनुसार दुर्गा पूजा, दीपावली, छठ, जन्माष्टमी, अनंत पूजा, चोरचन्दा, तीज, चहेलुम, पैगम्बर मुहम्मद जयंती, क्रिसमस जैसे पर्वों को मिलाकर 25 दोनों का छुट्टी दिया जाता रहा है।
ज्ञात हो की शिक्षा विभाग में विद्यालय पूरे साल में 60 दिन विभिन्न धार्मिक और गर्मियों की छुट्टी को मिलाकर बंद रहता है। जबकि शिक्षा के अधिकार कानून के तहत विद्यालय के 220 दिन खुला रहना चाहिए और 60 दिन छुट्टी और 52 दिन रविवार को मिलकर 112 दिन ही बिहार के सभी विद्यालय बंद रहते और 250 दिन खुले रहते हैं। इसके बावजूद इस तरह का नया फरमान देना यह मानसिक विक्षिप्त होने को दर्शाता है। आप सभी जानते हैं कि बिहार में सभी शिक्षक अपने नियत समय पर विद्यालय जाते हैं और अपने शैक्षणिक क्रियाकलापों को निष्ठा पूर्वक निर्वाहन करते हैं।
लेकिन जिस प्रकार काला कानून प्रत्येक दिन शिक्षकों पर थोपा जा रहा है यह बिहार सरकार के लिए और शिक्षा विभाग के लिए ठीक नहीं है।क्या यह संभव है की छठ के दिन, खरना के दिन, दीपावली के अगले दिन,दुर्गा पूजा के अष्टमी के दिन स्कूल में बच्चें आएंगे।क्या रक्षा बंधन के दिन बच्चे स्कूल आएंगे।ऐसे परिस्थिति में शिक्षक मानसिक तनाव में जी रहे हैं।