विकास कार्य और पर्यावरण में संतुलन जरूरी : हेमंत सोरेन

बिरसा भूमि लाइव

“74वां वन महोत्सव” कार्यक्रम में सम्मिलित हुए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन

मोबाइल एप्लीकेशन आधारित हाथी विचरण निगरानी प्रणाली ऐप का अनावरण

रांची: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण तथा संवर्धन वर्तमान समय में महत्वपूर्ण विषय है। राज्य सरकार पर्यावरण और प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयासरत है। वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग इस निमित्त कई नए कड़ियों को जोड़ने का कार्य निरंतर कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्लाइमेट चेंज को लेकर पूरी दुनिया चिंतित है। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में किए जा रहे कार्यों में भागीदारी का संदेश नई पीढ़ी तक पहुंचाना जरूरी है। उक्त बातें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज ट्रेनिंग ग्राउंड, खोजाटोली नामकुम में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा आयोजित “74वां वन महोत्सव” कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं।

राज्य में 2 करोड़ से अधिक वृक्षारोपण का लक्ष्य : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार वृक्षों के संरक्षण के लिए कृत संकल्पित है। इस वर्ष राज्य में 2 करोड़ से अधिक वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा गया है। राज्य में 50 हजार एकड़ भूमि पर बिरसा हरित ग्राम योजना चलाई जा रही है। मुख्यमंत्री वनधन योजना के तहत पेड़ लगाने पर 75% अनुदान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में हाथियों का विचरण समय-समय पर होता है क्योंकि जानवर भी गतिशील प्राणी होते हैं। हाथी का भी संरक्षण और मानव जीवन का भी संरक्षण हम सभी की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में हाथियों द्वारा घरों को क्षतिग्रस्त किया जाता है, नुकसान पहुंचाए गए घरों की क्षतिपूर्ति हेतु मुआवजा राशि में भी वृद्धि की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आम लोगों के भागीदारी से ही हाथियों को भी संरक्षित करने में सफलता मिल सकेगी।

रांची पहले समर कैपिटल के रूप में जाना जाता था : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि रांची कभी समर कैपिटल के रूप में जाना जाता था। एकीकृत बिहार के समय गर्मी के महीनों में रांची में ही विधानसभा सत्र का आयोजन किया जाता था। रांची के इर्द-गिर्द क्षेत्र में आज भी सर्दी के महीनों में बर्फ जमता है। रांची के आसपास कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां वो पेड़ मिलते हैं जो बर्फीले पहाड़ों में पाए जाते हैं। इस प्रदेश में एक समय था जब चाय के बागान हुआ करते थे लेकिन यह सभी चीजें धीरे-धीरे लुप्त होते गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि समस्या ऊपर से नहीं आया बल्कि हमने खुद से समस्याओं को खड़ा किया है, इन समस्याओं का समाधान हमें स्वयं ढूंढना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर व्यक्ति को इस बात के लिए संकल्पित होना होगा हो कि आज किसी भी कीमत पर अपने घर-आंगन को हरा-भरा, राज्य को हरा-भरा रखने हेतु प्रतिबद्धता के साथ कार्य करना है।

सभी लोगों से पेड़ लगाने का आग्रह : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित सभी लोगों से आग्रह किया कि आज वन महोत्सव के दिन आप सभी लोग एक एक पेड़ जरूर लगाएं और उस पेड़ को जरूर बचाएं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने मोबाइल एप्लीकेशन आधारित हाथी विचरण निगरानी प्रणाली ऐप, वन विभागीय वेबसाइट, राष्ट्रीय ट्रांजिट पास प्रणाली का उद्घाटन तथा जलवायु परिवर्तन अनुकूलन से संबंधित बुकलेट का विमोचन गया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के कर-कमलों द्वारा पर्यावरण एवं वन संरक्षण पर उत्कृष्ट कार्य कर रहे व्यक्तियों के बीच पारितोषिक वितरण किया गया। मौके पर मुख्यमंत्री एवं अन्य अतिथियों द्वारा ट्रेनिंग ग्राउंड खोजाटोली नामकुम में पौधारोपण भी किया गया। इस अवसर पर खिजरी विधायक राजेश राजेश कच्छप ने मानव का विकास एवं जलवायु परिवर्तन में समन्वय बनाने तथा प्राकृतिक संतुलन को लेकर अपने संबोधन में विस्तृत प्रकाश डाला।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग एल खियांगते, प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजय श्रीवास्तव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वंदना दादेल, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक कुलवंत सिंह, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एनके सिंह सहित अन्य गणमान्य लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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