बिरसा भूमि लाइव
नई दिल्ली : दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर करके सीबीआई की ओर से गिरफ्तार करने और ट्रायल कोर्ट के सीबीआई हिरासत के आदेश को चुनौती दी है। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 26 जून को केजरीवाल को तीन दिनों की सीबीआई हिरासत में भेजा था। कोर्ट के ड्यूटी जज अमिताभ रावत ने कहा था कि केजरीवाल की सीबीआई की ओर से की गई गिरफ्तारी गैरकानूनी नहीं है। इसके बाद 29 जून को सीबीआई की हिरासत खत्म होने पर ड्यूटी जज सुनैना शर्मा ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया था।
राऊज एवेन्यू कोर्ट में 26 जून को केजरीवाल को पेश के दौरान सीबीआई की ओर से वकील डीपी सिंह ने कोर्ट से कहा था कि कई गवाहों के बयान हैं कि एक व्यक्ति केजरीवाल से दिल्ली आबकारी नीति के बारे में मिलता है। ऐसा इस नीति के बनने के पहले भी हुआ। डीपी सिंह ने मगुंटा रेड्डी के बयानों का जिक्र किया। डीपी सिंह ने कहा कि सीबीआई के पास इस बात के साक्ष्य हैं कि साउथ ग्रुप ने बताया कि आबकारी नीति कैसे तैयार की जाए। साउथ ग्रुप दिल्ली आयी। उस समय कोरोना अपने चरम पर था और लोग मर रहे थे। उन्होंने एक रिपोर्ट बनाई और अभिषेक बोइनपल्ली को दिया। ये रिपोर्ट विजय नायर के जरिये मनीष सिसोदिया को दिया गया। डीपी सिंह ने कहा कि कोरोना के दौरान जल्दबाजी में नोटिफिकेशन जारी किया गया। इसके पीछे अरविंद केजरीवाल का हाथ था।
दिल्ली हाई कोर्ट से 21 मार्च को अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तारी से संरक्षण नहीं मिलने के बाद ईडी ने 21 मार्च को ही देर शाम को अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए 1 जून तक की अंतरिम जमानत दी थी। केजरीवाल ने 2 जून को सरेंडर कर दिया था। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 21 जून को ईडी के मामले में केजरीवाल को नियमित जमानत थी, जिस पर दिल्ली हाई कोर्ट ने रोक लगा रखी है।