बिरसा भूमि लाइव
- पशुओं के लिए राज्य में पहला अस्पताल शुरू, 24×7 मिलेगी सुविधा
- राज्य में वेटनरी यूनिवर्सिटी की स्थापना जल्द : श्री बादल
- वीडियो कॉल बेस्ड टेलीमेडिसीन की सफलता आपके रिस्पॉन्स पर निर्भर : सचिव
- फेज वार 100-100 अस्पतालों का होगा कायाकल्प: निदेशक पशुपालन
रांची : मुख्यमंत्री के निर्देश पर वेटरिनरी यूनिवर्सिटी की स्थापना हेतु पहल की जा रही है, हम लोगों ने बजट उपबंध भी कर लिया है, उक्त बातें राज्य के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री श्री बादल ने हेसाग स्थित पशुपालन भवन में आदर्श हॉस्पिटल एवं वीडियो कॉल बेस्ड टेलीमेडिसीन सेंटर के उद्घाटन के दौरान कही। श्री बादल ने कहा कि झारखंड सरकार में सिस्टम से लेकर रिस्पॉन्स तक सब कुछ बदल रहा है। विभाग को हमने संवारने का काम किया है। राज्य में ऐसे पशु चिकित्सालय की सख्त जरूरत महसूस की जा रही थी और आज इसका शुभारंभ कर दिया गया है। उन्होंने राज्य भर से आए पशु चिकित्सकों और पशु पालक व पशु सखियों को संबोधित करते हुए कहा कि केरल के दौरे के बाद हमें ये महसूस हुआ कि कृषि पशुपालन के क्षेत्र में हम काफी पीछे हैं। सवाल तो यह भी है कि आखिर कब तक हम केरल का उदाहरण देते रहेंगे। हमें भी अपने राज्य में समृद्ध किसानों, समृद्ध पशुपालकों की परिकल्पना को साकार करने के काम तो करना ही होगा।
उन्होंने कहा कि हमारे यहां प्रतिभाएं हैं, न्यूनतम संसाधनों में बेहतर काम करने वाले पशु चिकित्सक हैं, जो उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं, ये हमारे लिए बड़ी बात है। राज्य के सभी प्रखंडों और 23 जिलों में अस्पतालों का कायाकल्प हो इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं, इसके लिए बजट को मल्टीपल किया जा रहा है। चिकित्सक पशुपालकों को पशुओं की बीमारी को लेकर मेंटली काउंसलिंग कर सकते हैं, इससे उनका मर्ज आधा हो जायेगा। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम का मिजाज बदल रहा है इसलिए पशुपालन क्षेत्र कृषि का वैकल्पिक व्यवसाय बन सकता है। हमें दशहरा के पहले दुग्ध उत्पादकों को 3 रुपए प्रति किलो की बोनस की राशि उनके खाते में भेजी उसका नतीजा ये हुआ की लोगों में सरकार के प्रति भरोसा और मजबूत हुआ। जल्द ही हम 236 पशु एंबुलेंस की शुरुवात करने जा रहे हैं। पहले 23 और 66 नया पशु चिकित्सकों की नियुक्ति की गई हैं और अन्य रिक्तियां भी भरने की प्रक्रिया की जा रही है।
वीडियो कॉल बेस्ड टेलीमेडिसीन की सफलता आपके रिस्पॉन्स पर निर्भर : सचिव, कृषि विभाग : कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दिक ने कहा कि आज के दौर में तकनीक से अपग्रेड रहने की जरूरत है। आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी के माध्यम से बड़े बड़े इलाज हो रहे हैं। वीडियो कॉल बेस्ड टेलीमेडिसीन तभी सफल होगा जब आप कॉल करने वाले को तुरंत रिस्पॉन्स देंगे। व्हाट्सएप कॉल पर संबंधी बीमारी की दवाई बताने की बजाय व्हाट्सएप मैसेज का इस्तेमाल करना ज्यादा उचित होगा। और कोई भी दवाई देने के बाद उसका फीड बैक जरूर लें। अगर आप कॉल पर रिस्पॉन्स नहीं देंगे तो यह योजना फेल हो जायेगी। इसलिए लगातार खुद को अपग्रेड करते रहें क्योंकि आज के दौर में हर व्यक्ति अपग्रेड हो रहा है।
फेज वार 100-100 अस्पतालों का होगा कायाकल्प : निदेशक पशुपालन : पशुपालन विभाग के निदेशक आदित्य रंजन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पशुओं के इलाज के लिए राज्य में पहला 24×7 अस्पताल शुरू हुआ है जिसमें डॉक्टर और पैथोलॉजी के जानकर 24 उपलब्ध रहेंगे। विभाग फेज वार राज्य में 100 -100 अस्पताल के कायाकल्प का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। हमारा प्रयास है कि सभी पशु चिकित्सालय में आधारभूत संरचना का विकास किया जाय और उपकरण आदि उपलब्ध कराए जाएं। हेसाग के आदर्श हॉस्पिटल में सर्जरी एवं पैथोलॉजी की पूरी व्यवस्था की गई है।
उन्होंने दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के संबंध में बताया कि राज्य में पहली बार दो दिवसीय चिकित्सकों के प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है जिसमें अन्य प्रदेशों से विशेषज्ञों द्वारा ट्रेनिंग दी जाएगी। पहले सिर्फ एक दिन की ट्रेनिंग हुआ करती थी और विशेषज्ञ राज्य के ही हुआ करते थे। उन्होंने बताया कि टेलीमेडिसीन सेंटर में दो पशु डॉक्टर 24 घंटे उपलब्ध रहेंगे। कार्यक्रम में कई डॉक्टर्स और पशु सखियों ने प्रशिक्षण से जुड़े अनुभव भी साझा किए। साथ ही पांच ऐसे पशु चिकित्सकों को प्रशस्ति पत्र देकर न्यूनतम संसाधन में बेहतर कार्य के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्य रूप से गो सेवा आयोग के अध्यक्ष राजीव रंजन, उपाध्यक्ष राजीव गिरी, कृषि निदेशक संजय सिन्हा सहित कई पदाधिकारी एवं पशु चिकित्सक व पशु सखी और पशुपालक मौजूद थे।