केंद्रीय सरकार ने 8वीं केंद्रीय वेतन आयोग (8th CPC) की रूपरेखा को मंजूरी दी है, जो केंद्रीय कर्मचारियों एवं पेंशनरों के वेतन-भत्तों में बदलाव लाने के लिए बनाई जा रही है।
इस आयोग की नींव उस आधार पर रखी गई है कि सरकारी कर्मचारियों व पेंशनरों को वर्तमान महंगाई, भत्तों व सेवा-शर्तों के अनुरूप राहत मिल सके। सरकार ने इसके लिए कुछ मुख्य प्राथमिकताएँ तय की हैं — जैसे देश की आर्थिक स्थिति, विकास-व्यय की आवश्यकता, नॉन-कॉन्ट्रिब्युटरी पेंशन योजनाओं का बोझ, राज्य सरकारों पर प्रभाव और निजी क्षेत्र व सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों की तुलना-आधारित वेतन संरचना।
अधिकांश विश्लेषकों का अनुमान है कि इस आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से प्रभावी की जा सकती हैं। इसका मतलब यह है कि यदि निर्णय समय पर हो जाता है, तो कर्मचारियों को पिछली अवधि (यानी 7वीं वेतन आयोग समाप्ति के बाद से) का एरियर्स मिल सकते हैं।
इस प्रक्रिया से जुड़े कुछ मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:
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यह आयोग लगभग 18 महीनों के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करेगा।
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इस वेतन आयोग से अनुमानित रूप से करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को लाभ होगा।
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हालांकि सटीक वेतन वृद्धि प्रतिशत अभी घोषित नहीं किया गया है, लेकिन पिछले आयोग की आधारित तुलना में अनुमानित है कि वृद्धि उल्लेखनीय होगी।
कर्मचारियों को सलाह दी जा रही है कि वे अपने सेवा-विवरण, भत्तों, पेंशन योजनाओं आदि की जानकारी अपडेट रखें क्योंकि आने वाले समय में इन पहलुओं में बदलाव हो सकते हैं।


