बिरसा भूमि लाइव
उत्तरी सिक्किम में दक्षिण ल्होनाक झील के फटने के बाद तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ जैसे हालात के कारण सिक्किम और उत्तरी बंगाल (पश्चिम बंगाल) में तीस्ता नदी के किनारे के क्षेत्रों में जानमाल को व्यापक नुकसान पहुंचा है। इस प्राकृतिक आपदा के कारण सिक्किम के तीन जिलों में अब तक 14 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि सेना के 23 जवानों सहित 102 लोग लापता हैं। पूरा देश उनकी सलामती की दुआएं कर रहा है। वहीं सिक्किम की राजधानी गंगटोक का सड़क के साथ-साथ सूचना राजमार्ग से संपर्क टूट गया है। तीस्ता के तेज पानी ने कई स्थानों पर दूरसंचार और बिजली के बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया है।
मिट्टी के बहाव में कई रिहायशी इलाके दब गए हैं। पानी और कीचड़ घरों और सेना के कैंप में घुस गया है। इससे आशंका जताई जा रही है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। सिक्किम सरकार ने इसे आपदा घोषित किया है। रविवार तक मंगन, गंगटोक, पाकयोंग और नामची जिलों में स्कूल बंद रहेंगे। मुख्यमंत्री पीएस तमांग ने नुकसान का आकलन करने के लिए सिंगताम का दौरा किया। पश्चिम बंगाल के कालिम्पोंग में भी बाढ़ जैसे हालात हैं।
सिक्किम सरकार के भू-राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से देर रात में जारी रिपोर्ट के मुताबिक तीस्ता नदी की चपेट में आने से सिक्किम के तीन जिलों में कुल 14 लोगों की मौत हो गयी। इनमें गंगटोक जिले में 3, मंगन जिले में 4 और पाकिम जिले में 7 लोगों की मौत हुई है। नामची जिले में किसी की मौत नहीं हुई लेकिन यहां 5 लोगों के लापता होने की खबर है। इसी तरह गंगटोक में 22 लोग, मंगन में 16 लोग और पाकिम में 59 लोग तीस्ता में बह गए। घायलों की संख्या 26 बताई जा रही है, जिसमें गंगटोक में 5 और पाकिम में 21 लोग शामिल हैं।