झारखंड के 13 प्रवासी मजदूर गुजरात के कच्छ जिले में फँसे हुए हैं। आरोप है कि उन्हें न तो भोजन मुहैया कराया जा रहा है और न ही उनकी सैलरी दी जा रही है। यह मामला तब सामने आया जब बहरागोड़ा के पूर्व विधायक कुणाल सारंगी ने मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन को इस स्थिति की जानकारी दी।
मजदूर पूर्वी सिंहभूम जिले के मटिहाना निवासी हैं, जो एक निजी कंपनी में कार्य करने गुजरात गए थे। डिप्टी कमिश्नर कर्ण सत्यार्थी ने बताया कि उन्हें अभी तक सुरक्षित पाया गया है, लेकिन कंपनी ने उन्हें वापस लौटने की अनुमति नहीं दी है।
सरकारी प्रयास शुरू हो चुके हैं — गुजरात और झारखंड की संबंधित प्रशासनिक एवं श्रम विभाग की टीमों से बात हो रही है ताकि इन श्रमिकों को वापस लाया जा सके। इसके साथ ही आरोप है कि कंपनी प्रबंधन भोजन एवं वेतन संबंधी दायित्व निभाने में विफल रहा है। मजदूरों के परिजनों ने स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
प्रवासी नियंत्रण प्रकोष्ठ की अधिकारी शिखा लकड़ा ने कहा है कि कंपनी प्रबंधन से संवाद किया जाएगा और जल्द सुरक्षित वापसी की व्यवस्था की जाएगी।