भारतीय रेल में एक नए युग की शुरुआत होने वाली है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की है कि Vande Bharat 4.0 जल्द ही रेल मार्गों पर उतारा जाएगा और इसके साथ ही देश में 350 किमी/घंटा की उच्च-गति गलियारे (dedicated passenger corridors) भी बनाए जाएंगे।
नीचे देखें इस नई पहल की मुख्य बातें:
Vande Bharat 4.0: क्या बदलाव होंगे?
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इस नई पीढ़ी की ट्रेन का लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय मानक स्थापित करना है — गति, सुविधा और गुणवत्ता में।
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इसमें बेहतर शौचालय सुविधाएँ, उन्नत सीटिंग व्यवस्था और कोच निर्माण की उच्च कार्यकुशलता पर जोर दिया जाएगा।
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वर्तमान में Vande Bharat 3.0 ट्रेनें 0 से 100 किमी/घंटा की गति मात्र 52 सेकंड में प्राप्त कर लेती हैं, और 4.0 इसे और आगे ले जाने की कोशिश करेगी।
350 किमी/घंटा रूट और समर्पित गलियारे
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रेल मंत्रालय ने यह भी प्रस्ताव रखा है कि देश में 7,000 किलोमीटर लंबाई के समर्पित उच्च-गति मार्ग बनाए जाएँ।
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इन मार्गों पर 320 किमी/घंटा तक की परिचालन गति सुनिश्चित की जाएगी।
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ये गलियारे पूर्णतः देशी तकनीक पर आधारित होंगे, जिसमें आधुनिक सिग्नलिंग सिस्टम और नियंत्रण केंद्र शामिल होंगे।
समयसीमा एवं आगे की चुनौतियाँ
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रेल मंत्री ने कहा है कि Vande Bharat 4.0 को अगले 18 महीनों के भीतर लॉन्च किया जाना है।
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आवश्यक सामग्रियों की गुणवत्ता को लेकर निर्माता कंपनियों को चेतावनी दी गई है कि यदि मानक नहीं माने गए तो उन्हें ब्लैकलिस्ट किया जाएगा।