बिरसा भूमि लाइव
नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में हाल ही में एक यात्री बस पर हुए आतंकी हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी है। एनआईए द्वारा आज सोमवार (17 जून) ने यह बयान जारी किया है।
एनआईए के एक अधिकारी के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में 9 जून को एक यात्री बस पर हुए आतंकी हमले की जांच एनआईए को सौंप दी गई है। यह फैसला केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा यहां लगातार दो बैठकों में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति और वार्षिक अमरनाथ यात्रा की तैयारियों की समीक्षा के एक दिन बाद लिया गया। ये बैठकें रियासी जिले में बस पर हुए आतंकी हमले और केंद्र शासित प्रदेश में कुछ अन्य आतंकी घटनाओं के मद्देनजर बुलाई गई थीं।
उल्लेखनीय है कि बीती 9 जून को जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले के बाद उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली के तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस गहरी खाई में गिर गई, जिससे तीन महिलाओं सहित नौ लोगों की मौत हो गई थी और 41 घायल हो गए थे। आतंकवादियों ने 53 सीटों वाली बस पर तब गोलीबारी की, जब वह कटरा में शिव खोड़ी मंदिर से माता वैष्णो देवी मंदिर जा रही थी।
इसके बाद बीती 11 जून को भी आतंकवादियों ने भद्रवाह के चटरगल्ला में राष्ट्रीय राइफल्स और पुलिस की एक संयुक्त जांच चौकी पर गोलीबारी की, जबकि 12 जून को डोडा जिले के गंदोह इलाके में एक तलाशी दल पर हमला किया गया। इस हमले में एक पुलिसकर्मी सहित सात सुरक्षाकर्मी घायल हो गए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी 13 जून को जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की थी, जहां उन्होंने तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर हमले सहित कई आतंकवादी घटनाओं के बाद अधिकारियों को “आतंकवाद विरोधी क्षमताओं की पूरी श्रृंखला” तैनात करने का निर्देश दिया था।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा था कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई अपने निर्णायक चरण में है और हाल की घटनाओं से पता चलता है कि आतंकवाद हिंसा के अत्यधिक संगठित कृत्यों से घटकर मात्र छद्म युद्ध में सिमटने को मजबूर हो गया है। उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों को सफलता हासिल करने के लिए कश्मीर की तरह जम्मू संभाग में भी क्षेत्र प्रभुत्व और शून्य-आतंकवाद योजनाओं को लागू करने का निर्देश दिया।
इन समीक्षा बैठकों में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, सेना प्रमुख मनोनीत लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका, सीआरपीएफ के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह, बीएसएफ महानिदेशक नितिन अग्रवाल, जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन और अन्य शीर्ष सुरक्षा अधिकारी शामिल थे।