बिरसा भूमि लाइव
रांची: अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने सचिव स्कूली एवं साक्षरता विभाग झारखंड सरकार को मध्यान भोजन के वैधानिक अंकेक्षण में विभिन्न जिलों के अंकेक्षण दल द्वारा अनैतिक दबावपूर्ण व अवैध वसूली किया जा रहा है। संघ के मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने बताया कि प्रदेश के प्राथमिक व मध्य विद्यालय में संचालित वर्ष 2018 2019 से 2020- 21 अवधि के मध्यान भोजन योजना का वैधानिक अंकेक्षण कार्य चल रहा है विभिन्न जिलों में चिन्हित अंकेक्षण दल द्वारा अंकेक्षण के समय विद्यालय से अनैतिक एवं दबाव पूर्ण व्यवहार ही नहीं अवैध वसूली की मांग की जाती है।
इससे संबंधित कुछ जिलों से मामले भी सामने आए हैं। अंकेक्षण के नाम पर विद्यालय प्रधानों से अत्यधिक अभिलेख कागजात मांग कर प्रतिकूल टिप्पणी अंकित करने की बात कह कर उन्हें मानसिक दबाव में लिए जाने का कार्य किया जाता है। इस प्रकरण में गत वर्ष भी धनबाद सिमडेगा जिले से एक अंकेक्षण दल द्वारा किए जाने का मामला विभाग के समक्ष चिन्हित हुआ था।
मालूम हो कि अंकेक्षण दल द्वारा दबाव बनाने के उद्देश्य से कई प्रकार का गैर जरूरत अभिलेख कागजात मांगे जाते हैं। जैसे सभी वर्षों का दैनिक व्यय पंजी सभी वर्षों का कक्षा वार छात्र उपस्थिति पंजी आदि जबकि जबकि शिक्षकों द्वारा अद्यतन पासबुक वाउचर संबंधित अंकेक्षण फार्म कैशबुक फार्म आदि उपस्थित किया जाता है। बावजूद इसके अंकेक्षकओं की तरफ से कुछ ना कुछ गैर जरूरत कागजात मांग कर परेशानी पैदा की जाती है और अनैतिक कार्य व अवैध वसूली प्रति प्राथमिक 3000 और मध्य विद्यालय 5000 की जाति है। अंजाम दिए जाने का माहौल उत्पन्न किया जाता है। इस कारण कई बार प्रधानाध्यापकों एवं अनकेक्षक दल के बीच विवाद उत्पन्न होने का मामला प्रकाश में आता है। दूसरी बात लिपिक विहीन विद्यालय विद्यालय में अत्यधिक कार्य भोज ऑनलाइन छात्र उपस्थिति प्रेषित करना आदि को दृष्टि पथ रखते हुए। शिक्षा सचिव से मांग की गई है कि उक्त के आलोक में स्वच्छ और स्वस्थ अंकेक्षण कार्य पूर्णता की दिशा में कार्रवाई होनी चाहिए।