उपायुक्त के द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत नगर भवन में सभी अधिकारियों व कर्मियों को शपथ दिलाया गया

बिरसा भूमि लाइव

  • उपायुक्त ने जिलेवासियों से बाल विवाह जैसी सामाजिक कुप्रथा के उन्मूलन हेतु जागरूकता लाने हेतु किया अपील
  • जिला मुख्यालय समेत विभिन्न प्रखंडों में भी बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के मौके पर लोगों ने बाल विवाह खत्म करने की शपथ ली
  • हम सबने ठाना है, बाल विवाह मिटाना है, के नारे से जागरुकता रैली की शुरुआत

गुमला : बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के मौके पर सोमवार को उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी के द्वारा नगर भवन में सभी अधिकारियों व कर्मियों को बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का शपथ दिलाया गया साथ ही उनके द्वारा हरी झंडी दिखा कर जागरूकता रैली का शुभारंभ किया गया। इस दौरान उपायुक्त ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई और कानूनी अपराध है। इसके रोकथाम के लिए सभी को आगे आने की आवश्यकता है। साथ ही बाल विवाह मुक्त भारत अभियान हेतु व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाय। उन्होंने कहा कि बाल विवाह के कारण सिर्फ एक व्यक्ति नहीं बल्कि कई पीढ़ियां का जीवन बर्बाद होता है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि कम उम्र में लड़का या लड़की की शादी करने से कई प्रकार के सामाजिक, शारीरिक नुकसान देखने को मिलता है, जहां एक ओर उनका बचपन छिन जाता है, वहीं कम उम्र में शादी करने वाले लड़के और लड़कियां न तो ठीक से शिक्षित होते हैं और न ही परिवार, समाज और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए पूरी तरह से योग्य होते हैं। इसके लिए समाज के तमाम बुद्धिजीवी वर्ग, शिक्षक, जनप्रतिनिधि सहित सभी लोगों को आगे आने की आवश्यकता है।

इसके अलावा बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के मौके पर गुमला जिले के विभिन्न प्रखंडों/पंचायतों में “हम सबने ठाना है, बाल विवाह मिटाना है”, के नारे से जागरूकता रैली की शुरुआत की गई। साथ ही सभी लोगों ने बाल विवाह को जड़ से खत्म करने हेतु शपथ ग्रहण किया, वे न तो बाल विवाह का समर्थन करेंगे और न ही इसे बर्दाश्त करेंगे। इस जागरूकता रैली में बड़े पैमाने पर स्थानीय लोगों/बच्चों ने हिस्सा लिया और इसे सफल बनाने में योगदान दिया। इस अभियान के तहत तीन मुख्य लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं, जिनमें पहला है कानून का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराना, दूसरा बच्चों और महिलाओं की सहभागिता बढ़ाना, उनका सशक्तीकरण करना और 18 साल तक मुफ्त शिक्षा का प्रावधान करना तथा तीसरा लक्ष्य है यौन शोषण से बच्चों को सुरक्षा प्रदान करना है।

इस दौरान नगर भवन में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी आरती कुमारी, बाल संरक्षण इकाई से सभी पदाधिकारी, गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि जिला के सेविकाएं, महिला पर्यवेक्षिका, सहित अन्य संबंधित अधिकारी, कर्मी एवं आम नागरिक मौजूद रहे।।

Related Articles

Stay Connected

1,005FansLike
200FollowersFollow
500FollowersFollow

Latest Articles