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- मोरहाबादी मैदान में सरना धर्म कोड महारैली, आठ प्रस्ताव पारित
रांची: मोरहाबादी मैदान में रविवार को राष्ट्रीय आदिवासी समाज सरना धर्म रक्षा अभियान के बैनर तले विभिन्न आदिवासी संगठनों द्वारा सरना धर्म कोड महारैली का आयोजन किया गया। इस रैली में राज्य भर से आये आदिवासी समाज के लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। आदिवासी नेताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और सरना धर्म कोड की मांग की।
आदिवासी नेताओं ने कहा कि प्रकृति पूजक आदिवासी ना तो हिंदू है, ना ही सनातन। इसलिए आदिवासियों को समाप्त करने की साजिश बंद होना चाहिए। पूरे देश में 12 करोड़ से अधिक प्राकृतिक पूजक आदिवासी का अपना धर्म है। अपनी संस्कृति है, अपना संस्कार है। आदिवासियों का अपना पूजा स्थल, अपना रीति रिवाज है जो हिंदू लॉ से नहीं चलता है। इसलिए इस साजिश को बंद किया जाए नहीं तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। महारैली में 8 सूत्री मांगों पर प्रस्ताव पारित किया गया।
महारैली को सरना धर्म गुरु बंधन तिग्गा, डॉ करमा उरांव रवि तिग्गा, बालकु उरांव, अजित टेटे, नारायण उरांव, रेणु तिर्की, निर्मल मरांडी, भगवान दास, सुशील उरांव एवं अमर उरांव सहित कई लोगों ने संबोधित किया और आह्वान किया कि कोड नहीं तो वोट नहीं। 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में यह मुद्दा हावी रहेगा। इस रैली में झारखंड सहित नेपाल, भूटान, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और बिहार के आदिवासियों ने हिस्सा लिया।