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Saturday, March 25, 2023

मित्रता में कभी मतलब का भाव नहीं होना हो चाहिए : पंडित नीरज कृष्ण शास्त्री

बिरसा भूमि लाइव

गौ माता को समर्पित सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा का समापन

रांची: हुटुप गौशाला में गौ माता को समर्पित सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा का समापन शनिवार को हो गया। श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम मनमहोक झांकी और मधुस भजनों की गंगा में भक्तजन गोते लगाते रहे। वृंदावन से आये पंडित नीरज कृष्ण शास्त्री ने श्रीकृष्ण सुदामा के मित्रता की चर्चा करते हुए कहा कि श्रीकृष्ण सुदामा की मित्रता एक मिसाल है। भगवान कृष्ण कहते हैं कि जहां मित्रवत संबंध, व्यवहार होता है, वहां मेरा वास होता है। मित्र एक ऐसा संबंध है कि जो बात एक पति अपनी पत्नी से या पत्नी अपने पति से बोल नहीं सकती, लेकिन वो बात अपने मित्र को बताता है। मित्रता में कभी मतलब का भाव नहीं होना चाहिए।

पंडित नीरज कृष्ण शास्त्री ने कहा कि जीवन में कभी भी किसी चीज का अभिमान नहीं करना चाहिए। कई ऐसे उदाहरण है, जहां भगवान ने बड़े बड़े विद्वानों, शुरवीरों, महाबली आदि का अभिमान अपनी लीलाओ से तोड़ा है। इसलिए अपने धन, ज्ञान, वैभव आदि का अभिमान नहीं करें। जो भी आपको मिलता है, वो भगवान की कृपा से प्राप्त होता है।

पंडित नीरज कृष्ण शास्त्री ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने धरती पर जन्म लेकर कई लीलाएं कर लोगों का उद्वारा किया है। उनकी लीलाओं का समझना बहुत ही मुश्किल है। जो इनको समझ गया, समझो उनका जीवन धन्य हो गया। पंडित नीरज कृष्ण शास्त्री ने गृहस्थ जीवन पर चर्चा करते हुए भगवान श्रीकृष्ण और उनकी पत्नियों पर कई प्रसंग सुनाये।

श्री गोपीकृष्ण सेवा संस्थान रांची के तत्वावधान में आयोजित यह कथा को सफल बनाने में संस्थान के अध्यक्ष सज्जन सिंघानिया, मीरा अग्रवाल, ज्योति कुमार, जेपी शर्मा, ज्योति कुमारी, सुरेश कुमार, सुरेश अग्रवाल, रतन कुमार शर्मा, राजेश चौधरी समेत अन्य लोग सहयोग दिया।

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