रांची: डीएवी कपिल देव स्कूल में आयोजित आध्यात्मिक प्रवचन एवं मधुर संकीर्तन के तीसरे दिन रविवार को जगदगुरू श्री कृपालुजी महाराज के वरिष्ठ प्रचारक स्वामी मुकुन्दानंद ने अपने प्रवचन में तत्वज्ञान को लोगों के बीच परिपक्व करने के अपने इरादे से उन्हें महत्वपूर्ण ज्ञान बताया। जैसे मैं (आत्मा) कौन?, मेरा (ईश्वर) कौन?, जीवन का लक्ष्य क्या है? माया क्या है? इत्यादि के बारे में उन्होंने बताया।
उन्होंने बताया कि जीव जो अपने आपको शरीर मानता है उसका मूलस्वरूप ‘आत्मा’ है। और आत्मा ईश्वर का सनातन अंश है। अंश का अपने अंशी से ही संबंद होता है। इसीलिए संसार से और संसारी मनुष्यों से जिन्हें हम अपना संबंधी समझते हैं उनसे हमारा कोई नाता ही नहीं है। हमारा जो स्वभाव है कि हमें हर क्षण आनंद चाहिए, जो जीव अनंत जन्मों से खोजता आ रहा है, वह उसे ईश्वर में ही मिलेगा।
राधा गोविन्द धाम, रांची में आयोजित कार्यक्रम में स्वामीजी ने प्रवचन के दौरान हरि नाम संकीर्तन करवाया जिस में जन-समूह भक्ति के भावों में झूम उठे। उन्होंने भगवान की प्राप्ति पर चर्चा कर बताया कि भगवान सच्चिदानंद है, चितमय, आनंद सिंधु, ज्ञान मय है लेकिन माया ने हमें भगवान को भुला दिया है हमने अपने को सिर्फ एक शरीर मान लिया है क्योंकि उसी के सुख के लिए हम सदैव प्रयास में लगे हैं।
इस अवसर पर मंच पर राकेश भास्कर, धर्मेंद्र तिवारी सहित कई लोगों ने महाराज जी को पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका अभिनंदन और स्वागत किया। आयोजन को सफल बनाने में महेंद्र शर्मा, शैलेंश सिंह, प्रमोद सारस्वत, कपिल देव गिरी, अशोक आचार्य, किशोर मिश्रा, प्रमोद कुमार पांडेय, डॉ अभिषेक सिंह, मीनाक्षी नेत्रालय, रामाकांत जेना, भरत अग्रवाल, एनसी गुप्ता, नकुल नायक सहित काफी संख्या में लोग लगे हुए हैं।