बिरसा भूमि लाइव
- रोटी और कपड़ा के बाद अब आवास उपलब्ध होगा : हेमन्त सोरेन
- गरीब गृह विहीन लोगों को पक्का घर उपलब्ध कराने हेतु अबुआ आवास योजना
- विभिन्न चरणों में आठ लाख पक्का घर निर्माण का लक्ष्य
- 16 हजार 320 करोड़ रुपए की लागत से तीन चरणों में आवास का निर्माण होगा
रांची : केंद्र सरकार द्वारा राज्य के गरीबों को दिए जाने वाले आठ लाख से अधिक आवास की स्वीकृति नहीं मिलने के उपरांत मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य संपोषित अबुआ आवास योजना की स्वीकृति प्रदान की गई। योजना के तहत आवास विहीन गरीब लोगों के लिए आठ लाख पक्का आवास निर्माण का लक्ष्य तय किया गया है। इसके तहत प्रथम चरण वित्तीय वर्ष 2023-24 में 02 लाख, 2024-25 में 03 लाख 50 हजार एवं 2025-26 में 02 लाख 50 हजार पक्का आवास का निर्माण किया जाएगा। 16 हजार 320 करोड़ रुपए की लागत से तीन चरणों में आवास का निर्माण होगा।
ऐसा होगा अबुआ आवास : अबुआ आवास योजना के अंतर्गत तीन कमरों का पक्का मकान एवं रसोई घर बनाया जाएगा, जिसका क्षेत्रफल 31 वर्गमीटर होगा। योजना अंतर्गत तीन कमरों सहित स्वच्छ रसोई घर का प्रावधान किया गया है। योग्य लाभुकों के लिए योजना के तहत आवास निर्माण के लिए सहयोग राशि बढ़ाकर दो लाख रुपए करने का प्रावधान हुआ है। साथ ही, लाभार्थी को मनरेगा अंतर्गत अपने आवास के निर्माण के लिए वर्तमान मजदूरी (समय-समय पर संशोधित) दर पर अधिकतम 95 अकुशल मानव दिवस के समतुल्य आवास योजना अंतर्गत आवास निर्माण हेतु प्राप्त होगा।
इनको मिलेगा लाभ : योजना का लाभ कच्चे घरों में रहने वाले परिवार, आवासविहीन एवं निराश्रित परिवार, विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह ( PVTG) के परिवार, प्राकृतिक आपदा के शिकार परिवार कानूनी तौर पर रिहा किये गये बंधुआ मजदूर एवं वैसे परिवार, जिन्हें राज्य सरकार अथवा केन्द्र सरकार द्वारा संचालित आवास योजना यथा प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण / बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर आवास योजना / बिरसा आवास योजना / इंदिरा आवास योजना इत्यादि आवास का लाभ नहीं दिया गया हो उन्हें मिलेगा। उपर्युक्त पात्रता मापदंड के अनुसार लाभार्थी की स्थायी प्रतीक्षा सूची ग्राम सभा में तैयार की जाएगी।