बिरसा भूमि लाइव
रांची: नियोजन नीति को लेकर पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने कहा है कि हेमंत सरकार ने जो नयी नियोजन लाई है, वह हेमंत सरकार की संवेदनशीलता का परिणाम है। विपक्षी दलों को सरकार की आलोचना की बजाय सकारात्मक परिप्रेक्ष्य में झारखंड के आम लोगों के हित में के बारे में सोचना चाहिये। राजनीतिक स्वार्थ से ऊपर उठकर विपक्ष को नियोजन नीति का समर्थन करना चाहिए। श्री तिर्की ने कहा कि नई नियोजन नीती पूरी तरह तार्किक है और जब प्रत्येक राज्य का स्थानीयता के संदर्भ में अपना कानून है तो फिर झारखंड को ही इससे परहेज क्यों करना चाहिये?
झारखंड की जमीनी हकीकत को देखकर कोई भी व्यक्ति खतियान आधारित स्थानीयता नीति की गंभीरता और सार्थकता को आसानी से समझ सकता है। लेकिन न्यायालय के निर्णय का सम्मान करते हुए और आम लोगों एवं युवाओं की जरूरतों के साथ ही बड़ी संख्या में युवाओं की आयु सीमा पार होने के तथ्य के को ध्यान में रखते हुए झारखंड के लोगों के हित में नियोजन नीति की घोषणा की गयी है। इसे सभी का समर्थन मिलना ही चाहिये न कि राजनीति के चलते अनावश्यक आलोचना की जानी चाहिये।
23 साल बाद भी झारखंड के लोगों को उनका हक़ नहीं मिला जिनके लिये अलग झारखंड प्रदेश का गठन किया गया था और इसके कारण न केवल विशेष रूप से आदिवासियों-मूलवासियों की आर्थिक-सामाजिक स्थिति जस की तस है बल्कि झारखंड की मूल आदिवासी कला-संस्कृति यहां के रहन-सहन को भी खतरा है।