सुदेश महतो एक बार फिर पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष बने

बिरसा भूमि लाइव

रांची : आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो ने कहा कि नवनिर्माण के संकल्पों को पूरा कर स्वशासन से सुशासन लायेंगे। उन्होंने कहा कि शासन कमजोर, गैर जवाब देह, भ्रष्टाचार में संलिप्त हो और बेलगाम प्रशासन के हाथों खेलता हो, आम आदमी, पंच, गांव की चौपाल की सत्ता में भागीदारी नहीं हो, तो वहां सुशासन की बात बेमानी होगी। महतो महाधिवेशन के आखिरी दिन रविवार को संबोधन में बोल रहे थे।

हेमंत सोरेन की सरकार में झारखंड की यही तस्वीर उभरी है। सुशासन और स्वशासन में आम सहमति, जवाबदेही महत्वपूर्ण होता है। हम और हमारी पार्टी ने नवनिर्माण के नौ संकल्पों के साथ स्वशासन से सुशासन का लक्ष्य रखा है। इसमें झारखंडी हक और अधिकार सुनिश्चित किये जायेंगे। राज्य के सपनों को जगाने के लिए आजसू पार्टी आगे बढ़ चुकी है।

इससे पहले केंद्रीय समिति के चुनाव में सर्वसम्मति से सुदेश महतो को एक बार पार्टी का केंद्रीय अध्यक्ष चुना गया। चुनाव पर्यवेक्षक की भूमिका डोमन सिंह मुंडा ने निभायी। इस अवसर पर उमाकांत रजक ने सभा के समक्ष सुदेश महतो का नाम रखा, जिसे सभी सदन ने ध्वनिमत से समर्थन किया। कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने गर्मजोशी से अध्यक्ष का स्वागत किया।

सुदेश महतो ने कहा कि सुशासन से मेरा मतलब झारखंडी विचारों, विषयों, आम सहमति, जवाबदेही, उत्तरदायी का अनुसरण और आम आदमी को सत्ता का भागीदार बनाना होगा। सामाजिक न्याय और विकास आधारित होगा। उन्होंने कहा कि गिव एंड टेक की पॉलिटिक्स करने वालों को हमारे महाधिवेशन और विचार मंथन का समझ नहीं हो सकता।

राजनीतिक परिदृश्य परतंत्र भारत में स्वतंत्रता संग्राम का उद्गम स्थल आज का झारखंड वर्तमान समय में राजनीतिक भटकाव आर्थिक, दिशाहीनता, प्रशासनिक कुव्यवस्था, टूटते भरोसे, डूबते उम्मीदें एवं बिखरते सपनों का खंडहर प्रदेश बन गया है।

उन्होंने कहा कि राजनीतिक नेताओं की घटती विश्वसनीयता गिरती प्रतिबद्धता, पलटती प्राथमिकता एवं बढ़ती लालसा ने राज्य के युवाओं को निराश किया है। झारखंड के जनमानस में उप घनघोर निराशा एवं सुलगते आक्रोश की यह हालत तब है झारखंड में सिंहासन पर झारखंड आंदोलन की कोख से जन्मे पार्टी के राजकुमार बैठे हैं। मूलवासी आदिवासी के लिए संघर्ष करते-करते आज के राजनैतिक नेतृत्व इस वर्ग का शोषक बन गया।

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