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गौ माता को समर्पित सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के तीसरा दिन
रांची: हुटुप गौशाला में गौ माता को समर्पित सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन मंगलवार को वृंदावन से आये पंडित नीरज कृष्ण शास्त्री ने श्रीमद भागवत स्वरूप पर चर्चा । उन्होंने कहा कि श्रीमद भागवत कथा ऐसा फल है, जिसमें न ही गुठली है और न ही छिलका। इससे सिर्फ रस है। श्रीमद भागवत का जन्म नारायण से हुआ है। इसको सुनन ने भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पंडित नीरज कृष्ण शास्त्री ने कहा कि इस दुनिया से सबसे दुर्लभ सत्संग और हरि कथा है। यह दोनों उन्हीं को मिलता है, जिस पर भगवान का विशेष कृपा और आशीर्वाद है। जो लोग श्रीमद भागवत कथा सुनते हैं, उनका जीवन जीने का भाव एक अलग हो जाता है। श्रीमद्भागवत कथा अमृत रूपी द्रव्य है, तो इसे सुनने वाला भी विशेष पात्र होना चाहिए।
पंडित नीरज कृष्ण शास्त्री ने धर्म और परमधर्म की व्याख्या करते हुए हा कि धर्म को धारण करने की शक्ति को ही धर्म कहते हैं। वहीं, भगवान के चरणों में प्रीति रखना ही परमधर्म है। आप अपने जीवन में कितना पुण्य और सत्य काम किया है, वो मायने नहीं रखता है। उस पुण्य का फल आपको कैसे मिल रहा है, यह देखना जरूरी है। भगवान से जो भी फल मिल रहा है, वो हमारे जीवन को महत्व बनाता है।
श्री गोपीकृष्ण सेवा संस्थान रांची के तत्वावधान में आयोजित यह कथा 18 मार्च तक प्रतिदिन दोपहर तीन बजे से शाम छह बजे तक चलेगा। संस्था की ज्योति कुमारी ने बताया कि कथा का श्रवण करने के लिए प्रतिदिन भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। लोग कथा का श्रवण कर भगवान का स्मरण कर रहे हैं।
कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्थान के अध्यक्ष सज्जन सिंघानिया, मीरा अग्रवाल, ज्योति कुमार, जेपी शर्मा, ज्योति कुमारी, सुरेश कुमार, सुरेश अग्रवाल, रतन कुमार शर्मा, राजेश चौधरी समेत अन्य लोग सहयोग कर रहे हैं। यह जानकारी ज्योति कुमारी ने दी।