30.1 C
Ranchi
Sunday, April 2, 2023

सतीश कौशिक ने एक दिन पहले ही मनायी थी होली

ब़ॉलीवुड एक्टर सतीश कौशिक के निधन से बॉलीवुड जगत में शोक की लहर दौड़ गई। महज 66 साल की उम्र में सतीश कौशिक का निधन हो गया। उन्हें दिल का दौरा पड़ा था, वो गुरुग्राम में किसी से मिलने जा रहे थे। गुरुग्राम के फोर्टिस में उनका शव है, पोस्टमार्टम के बाद शव को मुंबई लाया जाएगा। उनके निधन से फैंस भी दुख में हैं, क्योंकि एक दिन पहले ही सतीश कौशिक ने होली मनाई थी जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।

सतीश कौशिक ने जावेद अख्तर, शबाना आजमी, महिमा चौधरी और ऋचा चड्ढा, अली फजल के साथ होली मनाई थी और तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की थीं। तस्वीरें शेयर करते हुए सतीश कौशिक ने लिखाक था- कलरफुल होली और फन होली पार्टी।

सतीश कौशिक को हिंदी सिनेमा के वे दिन बहुत सुनहरे लगते जब कहानियों का फोकस सिर्फ हीरो या हीरोइन पर नहीं होता था। एक मुलाकात में उन्होंने कहा था, ‘हिंदी फिल्मों में 70, 80 और 90 के दशक में जो खांचे बने होते थे, उन्हें भरने का काम हम करते थे। मैंने फिल्मों में जितने भी कॉमिक किरदार किए हैं, वह हमेशा किरदारों से जुड़े रहे। चाहे वह मेरा कैलेंडर का किरदार हो, उसके हावभाव और पारिवारिक विशेषताओं के चलते वह पूरा एक किरदार था। वह सिर्फ हंसाने के लिए कुछ नहीं करता था। ‘साजन चले ससुराल’ का मुथुस्वामी, ‘बड़े मियां छोटे मियां’ का शराफत अली, ‘हसीना मान जाएगी’ में मेरा संवाद, ‘आइए तो सही, बैठिए तो सही’, यह सभी किरदार अभिनय से ही जुड़े रहे।’

कैलेंडर के अलावा सतीश कौशिक का दूसरा सबसे मशहूर किरदार रहा पप्पू पेजर का। इस बारे में एक बार चर्चा चलने पर उन्होंने कहा था, ‘मेरा जो पप्पू पेजर का किरदार है वह कोई कॉमेडियन का किरदार नहीं था। वह किरदार कुछ ही मिनटों का था लेकिन उसने पूरी फिल्म के बीच में दर्शकों पर एक प्रभाव छोड़ा। तो, वह भी पूरा एक किरदार ही था। इसलिए मैं अपने आपको कॉमेडियन कहलाने पर कड़ी आपत्ति जताता हूं।

सतीश कौशिक को इस बात का भी गिला रहा कि हिंदी सिनेमा ने उन्हें एक खांचे में फिट कर दिया। उन्होंने कहा था, ‘कॉमेडी के मामले में आज का समय बहुत बदल गया है। फिल्मों में कॉमेडी बहुत ही प्राकृतिक चीज हो गई है। आजकल किरदारों में ही ह्यूमर होता है। हो सकता है कि आज के दर्शक जबरदस्ती पैदा की जाने वाली कॉमेडी को स्वीकारें भी नहीं। मैंने जब फिल्म ‘सूरमा’ में दिलजीत दोसांझ के पिता का किरदार निभाया, वह कॉमेडी किरदार नहीं था। उससे लोगों के दिल टूटे। या मैंने अभी ‘स्कैम 1992’ में ब्लैक कोबरा यानी मनु मानिक का किरदार निभाया है।

सतीश कौशिक का फिल्म निर्देशक डेविड धवन के साथ लंबा सफर चला। सतीश कौशिक बताते, ‘मैंने उनके साथ 16 फिल्में की हैं। डेविड अपने सभी चरित्र किरदारों को निभाने वाले को भी हीरो मानता था। चाहे वह कादर खान हों, सतीश कौशिक हों, अनुपम खेर हों, जॉनी लीवर हों, चाहे वह शक्ति कपूर हों। डेविड को लगता था कि यही किरदार हैं जो उनकी फिल्मों में सबसे ज्यादा ताकत भरते हैं। वैसे कहानी मुख्य तौर पर हीरो और हीरोइन की होती है लेकिन ये कलाकार ऐसे हैं जो दर्शकों में फिल्म देखने की रुचि पैदा करते हैं।

Related Articles

Stay Connected

1,005FansLike
200FollowersFollow
500FollowersFollow

Latest Articles