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Wednesday, March 22, 2023

5 से 7 मई को रांची में होगा सांसद सांस्कृतिक महोत्सव

बिरसा भूमि लाइव

  • 10 प्रकार की प्रतियोगिताओं का होगा आयोजन
  • झारखंड की कला और संस्कृति से जुड़े गीत और नृत्य होंगे आकर्षण के केंद्र

रांची: आगामी 5, 6 और 7 मई को रांची लोकसभा क्षेत्र स्तरीय सांसद सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस महोत्सव में झारखंड की कला और संस्कृति का संगम होगा। रांची लोकसभा क्षेत्र की सभी विधानसभाओं से जुड़े विभिन्न विधाओं के कलाकार अपनी अपनी सहभागिता निभाएंगे। यह जानकारी सांसद संजय सेठ ने शनिवार को आयोजित प्रेसवार्ता में दी। उन्होंने बताया कि कलाकारों की कलाओं को, संस्कृतियों को हम राष्ट्रीय और वैश्विक पटल पर लेकर जाएं, इस उद्देश्य से इस महोत्सव का आयोजन किया गया है।

कोरोना संक्रमण काल में हमने देखा था, कलाकारों के समक्ष कैसा संकट आ खड़ा हुआ था, तभी से मेरे मन में यह बात चल रही थी कि कलाकारों के लिए कुछ अलग करना चाहिए ताकि उन्हें एक मजबूत और सशक्त मंच मिल सके। वैश्विक पहचान मिल सके और अब जाकर वह समय आया है। इसमें भाग लेने के लिए 20 मार्च से रजिस्ट्रेशन शुरू होगा जो 15 अप्रैल तक चलेगा।

सांसद श्री सेठ ने कहा कि इस महोत्सव में जनजातीय समूह नृत्य, जनजातीय इंस्ट्रूमेंट प्रतियोगिता, सामूहिक फोक नृत्य, क्लासिकल नृत्य, फ्री स्टाइल नृत्य, क्लासिकल वोकल सामूहिक गीत, लघु नाटिका सहित कुल 10 प्रकार की कलाओं को शामिल किया गया है। बहुत जल्द इसके फॉर्म और ब्राउज़र की लॉन्चिंग होगी। इसके तकनीकी सहयोग के लिए हमने झारखंड की कला और संस्कृति को पहचान देने वाले राष्ट्रीय स्तर के कलाकार अजय मलकानी जी का सहयोग ले रहे हैं। विजेताओं के लिए पुरस्कार की भी व्यवस्था है। इस महोत्सव में मुख्य अतिथि के तौर पर झारखंड के राज्यपाल केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी, अर्जुन राम मेघवाल, अर्जुन मुंडा, विनय सहस्त्रबुद्धे, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद संध्या पूरेजा चेयरमैन नाटक केंद्रीय संगीत अकादमी नई दिल्ली उपस्थित रहेंगे।

सांसद ने कहा कि कलाकार, हमारी संस्कृति और कलाओं के वाहक होते हैं। इन्हीं के माध्यम से हमारी कलाएं जीवंत और संरक्षित भी रहती हैं। संस्कृतियों के संवर्धन की बड़ी जिम्मेदारी कलाकारों के ऊपर होती है परंतु कई बार हम देखते हैं कि कलाएं संरक्षित रहें, सुरक्षित रहें, इसके लिए कलाकारों का भी संरक्षण और संवर्धन की आवश्यकता होती है। उन्हें भी मोटिवेशन की आवश्यकता होती है। उन्हें भी प्रमोशन की आवश्यकता होती है।

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