1 नवंबर 2025 से देश में बैंकिंग, कर (जीएसटी), आधार और पेंशन संबंधी कई नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव लागू हो गए हैं, जिनका असर आम नागरिक और व्यवसाय दोनों पर महसूस होगा।
मुख्य बदलाव निम्नलिखित हैं:
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बैंक खातों, लॉकर व सुरक्षित-कस्टडी वस्तुओं के लिए अब एक खाता धारक चार तक नामिनी (नॉमिनी) चुन सकेंगे और इसमें ‘उत्तराधिकारी नामिनी’ (सक्सेसिव नामिनी) चुनने की सुविधा आएगी।
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कर संरचना में बदलाव: पुराने चार-स्लैब जीएसटी व्यवस्था को बदलते हुए अब मुख्य रूप से दो स्लैब और लक्ज़री/“सिन” वस्तुओं पर 40 % दर को लागू किया गया है।
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पेंशनभोगियों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए जीवन-प्रमाण पत्र (लाइफ सर्टिफिकेट) जमा करने की प्रक्रिया सख्त हुई है। इसे समय पर न करने पर पेंशन भुगतान में देरी हो सकती है।
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Unique Identification Authority of India (UIDAI) ने आधार कार्ड अपडेट से जुड़े शुल्क और नियमों में बदलाव किए हैं — बच्चों के लिए बायोमेट्रिक अपडेट वन-वर्ष के लिए मुफ्त किया गया है, वयस्कों के लिए नाम/पता/मोबाइल अपडेट पर ₹75 तथा फिंगरप्रिंट/आईरिस बदलने पर ₹125 शुल्क तय किया गया है।
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कुछ बैंक-कार्डधारकों को अब तीसरे-पक्ष ऐप्स (जैसे एजुकेशन से संबंधित भुगतान या वॉलेट लोडिंग) पर 1 % अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
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बैंक लॉकर शुल्क और बैंक वेबसाइट के डोमेन नाम जैसी अन्य बैंकीय व्यवस्थाओं में भी बदलाव हुआ है, जिसे साइबर-सुरक्षा व उपभोक्ता-हितों को ध्यान में रखकर लागू किया गया है।
इन बदलावों का मकसद वित्तीय व्यवस्था को सरल, पारदर्शी और डिजिटल-अनुकूल बनाना बताया गया है। लेकिन साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि इन नए नियमों के अनुरूप सभी नागरिकों और व्यवसायों को समय पर तैयारी करनी होगी, ताकि अचानक आने वाले नियमों से परेशानी न हो।


