गुमला : उपायुक्त सुशांत गौरव की अध्यक्षता में गुरुवार को आपदा प्रबंधन प्राधिकार समिति की समीक्षात्मक बैठक का आयोजन उपायुक्त कार्यालय कक्ष में किया गया। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में हाथी के उत्पात से ग्रामीणों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अक्सर देखा गया है कि ज्यादातर उन्ही क्षेत्रों में हाथी के उत्पात देखने को मिल रहे है जहां पर लोगों द्वारा हाथियों के निवास स्थानों को नुकसान पहुंचाया जाता है अथवा उन्हे अनजाने में ही सही किसी प्रकार का नुकसान पहुंचाया जाता है ऐसे स्थिति में लोगों में जागरूकता का होना बेहद आवश्यक है।
उपायुक्त ने हाथी के नियमित रूप से निकलने वाले स्थानों को चिन्हित करते हुए पंचायत स्तरों के सभी विद्यालयों में जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया। उन्होंने जंगलों एवं आस पास के क्षेत्रों में अच्छी लाइट की व्यवस्था करने की बात कही। जिन क्षेत्रों में हाथी निकलने की अधिक संभावना होती है उस क्षेत्र के आस पास के 5 हेक्टेयर के जंगलों में वन पट्टा नहीं दिए जाने का निर्देश दिया। साथ ही उपायुक्त ने वन पट्टा के कारण कौन कौन से क्षेत्रों में हाथी प्रभावित हो रहे हैं वैसे स्थानों का भी आंकलन करने को कहा।इसके अलावा स्मेल प्रूव ग्रेंस के वितरण के संबंध में भी निर्णय लिया गया।
आपदा संबंधित मुआवजा राशि वितरण के संबंध में उपयुक्त ने कोविड से मृत्यु हुए लोगों के आश्रितों को मुआवजा राशि का वितरण करने का निर्देश दिया उन्होंने पंचायत स्तर पर सभी गांवों के एक और सर्वे करते हुए कोविड मृतकों का सर्वे करते हुए छुटे हुए आश्रितों के बीच भी मुआवजा राशि का वितरण करने का निर्देश दिया।कोविड से हुए मृतकों के आश्रित जिनका नाम सूची में नहीं दर्ज है वे भी प्रखंड कार्यालय में जाकर अपना नाम जल्द से जल्द दर्ज करवाते हुए मुआवजा राशि प्राप्त कर सकते हैं। मार्च से पूर्व सर्वे करते हुए शत प्रतिशत लाभुकों को योजना का लाभ देने का उपायुक्त ने निर्देश दिया।
उन्होंने सड़क दुर्घटना से हुए मृतकों के आश्रितों के बीच 15 मार्च से पूर्व मुआवजा राशि का शत प्रतिशत वितरण करने का निर्देश दिया। सुखाड़ राहत योजना के तहत उपायुक्त ने उपयोगिता प्रमाण पत्र की जांच करने को कहा।
बैठक में उपस्थित अपर समाहर्ता सुधीर कुमार गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि वित्तीय वर्ष 2022 23 में हुए प्राकृतिक आपदा अंतर्गत मकान क्षति में लगभग 400 से अधिक लोगों के बीच लगभग 17 लाख से अधिक मुआवजा राशि का वितरण किया गया है । वहीं फसल क्षति से प्रभावित लगभग 4000 से अधिक कृषकों के बीच 8 करोड़ से अधिक राशि का मुआवजा वितरण किया जा चुका है। सड़क दुर्घटना के 66 मृतकों के आश्रितों के बीच 66 लाख रुपए का वितरण किया जा चुका है। सर्प दंश के 6 मृतकों के आश्रितों के बीच 24 लाख के मुआवजा राशि का वितरण किया गया।
इसी क्रम में नदी में डूबने से हुए 3 मृतकों, वज्रपात से हुए 13 मृत्यु एवं 3 घायल, कोविड से हुए मृत्यु के 70 मृतकों के परिवार जनों के बीच लगभग 1 करोड़ 10 लाख से अधिक मुआवजा राशि का वितरण किया जा चुका है वहीं पशु क्षति में 110 लाभुकों के बीच 23 लाख से अधिक राशि के मुआवजा राशि का भुगतान किया जा चुका है। शेष बचे हुए लाभुकों के बीच आवंटन प्राप्त होने के पश्चात मुआवजा राशि का जल्द ही वितरण कर दिया जाएगा।
बैठक में मुख्य रूप से अपर समाहर्ता, जिला वन प्रमंडल पदाधिकारी, एसडीओ सदर, एसडीओ बसिया सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।