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- सरकार को पड़ोसी राज्यों में कृषि उत्पादन बाज़ार समितियों की कार्यप्रणाली का अध्ययन करें
रांची: जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने कृषि बजट पर अपने भाषण के दौरान कृषि उत्पादन बाज़ार समिति अधिनियम के प्रावधानों पर पुनर्विचार करने और इसे व्यवहारिक बनाने पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार को पड़ोसी राज्यों में कृषि उत्पादन बाज़ार समितियों की कार्यप्रणाली का अध्ययन करें और तदनुसार अधिनियम में संशोधन करे, टैक्स का निर्धारण करे, टैक्स वृद्धि वापस ले।
उन्होंने सदन को बताया कि बाज़ार टैक्स वृद्धि और राज्य जीएसटी उगाही का तुलनात्मक अध्ययन करें और देखें कि बाज़ार समिति का टैक्स बढ़ाने का क्या असर जीएसटी पर पड़ेगा। पड़ोसी राज्यों में बाज़ार समिति टैक्स झारखंड से कम है या वहाँ बाज़ार समिति कार्यरत ही नहीं है। तो स्वाभाविक है कि झारखंड के बड़े उपभोक्ता पड़ोसी राज्य से सामान ख़रीदेंगे और झारखंड को जीएसटी नहीं मिलेगा।
उन्होंने कहा कि सब कृषि बाज़ार समितियों को जोड़ दिया जाय तो इनके पास क़रीब 500 करोड़ रूपये जमा हैं। दूसरी ओर बाज़ार समितियों के दुकानों और यहाँ की सड़कों और यहाँ कि जनसुविधाओं की स्थिति ख़स्ताहाल है। सरकार जमा पैसे का उपयोग बाज़ार समितियों की स्थिति सुधारने में करे और बाज़ार समितियों की ख़ाली पड़ी ज़मीन को विकसित कर पूंजी की व्यवस्था करें।
श्री राय ने कृषि मंत्री से कहा कि वे कृषि बजट के दस्तावेज़ों को दुरुस्त करें। इसे सरल शब्दों में तैयार कराएं। आंकड़ों की विसंगतियां दूर करें, कृषि सांख्यिकी को अद्यतन करें, कृषि सर्वेक्षण आरम्भ कराएं उन्होंने सब्ज़ी उत्पादन, अंडा उत्पादन, दुग्ध उत्पादन को टिकाऊ बनाएं, सब्ज़ियों के मौसम में उनके रखरखाव की व्यवस्था कराएं, कोल्ड चेन बनाएं तथा किसानों की ज़मीनी आमदनी बढ़ाने का लक्ष्य पूरा कराएं।