वित्त मंत्री से मिले झारखंड चेंबर के प्रतिनिधि

बिरसा भूमि लाइव

रांची : गिरिडीह जिले में रूग्ण होते अभ्रक उद्योग के रिवाइवल हेतु अध्यक्ष किशोर मंत्री और उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा ने वित्त मंडी डॉ रामेश्वर उरांव से मुलाकात कर सहयोग का आग्रह किया। चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा कि राज्य में औद्योगिकीकरण को गति देने की दिशा में सरकार ने अनेकों बार अभ्रक उद्योग को पुनर्जीवित करने की प्रतिबद्धता दिखाई है, जिससे इस उद्योग से जुडे उद्यमियों के बीच सकारात्मक संदेश गया है। इसी क्रम में ढिबरा, माईका के कुछ सैंपल्स हैदराबाद स्थित लैब में जांच हेतु जियोलॉजिकल डिपार्टमेंट द्वारा चार माह पूर्व भेंजे गये हैं, जिसकी जांच रिपोर्ट अब तक अप्राप्त है।

इन छोटी-छोटी अड़चनों के कारण अभ्रक उद्योग को पुनर्जीवित करने के प्रयास विफल हो रहे हैं। लगभग 150 वर्ष पुराने अभ्रक उद्योग के मृतप्राय होने तथा इनके पुर्नरूत्थान में अग्रतर कार्रवाई नहीं होने के कारण विशेषकर गिरिडीह और कोडरमा जिले में इस उद्योग से जुडे हजारों लोगों की आजीविका प्रभावित हो रही है, जिसकी समीक्षा आवश्यक है। रूग्ण होते अभ्रक उद्योग के रिवाईवल हेतु आवश्यक हस्तक्षेप के चैंबर अध्यक्ष के आग्रह पर माननीय वित मंत्री ने सकारात्मक कार्रवाई के लिए आश्वस्त किया।

एमएसएमईडी एक्ट 2006 पर ऑनलाइन बैठक : एमएसएमईडी एक्ट 2006 में संशोधन पर चर्चा और मंतव्य प्राप्ति के लिए विकास आयुक्त, एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित ऑनलाइन बैठक में झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारियों व सदस्यों ने हिस्सा लिया। इस बैठक में देश के प्रायः सभी राज्यों के चैंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारी शामिल थे। उद्योगों द्वारा माल आपूर्ति के एवज में सरकारी विभागों से भुगतान में होनेवाले विलंब और कठिनाई पर चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा विशेष जोर दिया गया। सभी लोगों का कहना था कि उद्योगों के हित में फेलिसीटेशन काउंसिल के निर्देशों के कार्यान्वयन में काफी परेशानी होती है।

कॉरपोरेट कंपनियां तो उच्चाधिकारियों के माध्यम से काउंसिल के निर्देशों का कार्यान्वयन आसानी से करा लेती हैं किंतु सूक्ष्म और लघु उद्योगों को कोर्ट का सहारा लेना पडता है। इस हेतु कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जाय या काउंसिल को ही इतनी शक्ति दी जाय कि वो एमएसएमई के बकाया राशि का भुगतान अपने स्तर से ही करा सकें और उद्योगों को सर्टिफिकेट अफसर के पास नहीं जाना पडे। चैंबर उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा ने कहा कि एमएसएमई और सीजीटीएमएसइ के बीच एक एमओयू हो जिस अंतर्गत सेंट्रल अप्रूवल सेल से अप्रूव्ड प्रोजेक्ट को बैंकों से कोलेस्ट्रॉल रहित ऋण सुगमता से दिलाया जा सके।

कुछ राज्यों के चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा यह भी मांग की गई कि काउंसिल को डिस्ट्रीक्ट लेवल पर कार्यरत किया जाय ताकि लघु उद्यमी इससे अधिकाधिक लाभान्वित हो सकें। एमएसएमईडी एक्ट 2006 में संशोधन पर भी वृहद् चर्चा हुई और यह सुझाया गया कि मैनुफैक्चरिंग सेक्टर को ज्यादा प्रभावी बनाया जाय। बैठक में झारखण्ड चैंबर के उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा, सदस्य बिनोद अग्रवाल और अजय भंडारी शामिल थे।

Related Articles

Stay Connected

1,005FansLike
200FollowersFollow
500FollowersFollow

Latest Articles