बिरसा भूमि लाइव
रांची: झारखंड राज्य जनसेवक संघ के बैनर तले सोमवार राज्यभर के जनसेवकों ने कृषि मंत्री बादल का आवास के समक्ष प्रदर्शन किया। संघ के प्रतिनिधि मण्डल ने कृषि मंत्री झारखण्ड सरकार को अपना मांग पत्र भी समर्पित किया। जनसेवक संवर्ग के 11 सूत्री लंबित मांगों से कृषि मंत्री और कृषि विभाग को पुनः अवगत कराने के लिए किया गया। उक्त धरना कार्यक्रम में पुरे झारखण्ड के सभी 24 जिलों के हज़ारों जनसेवकों और संघ के सभी जिला और प्रांतीय प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
झारखंड राज्य जनसेवक संघ ने सरकार के समक्ष कृषि और कृषको के हित में अपनी मांगों को रखा। इनमें जनसेवक संवर्ग के खिलाफ कृषि विभाग द्वारा नियुक्ति नियमावली एवं ग्रेड-पे संबंधी अवांछनीय छेड़-छाड़ और षड्यंत्र तत्काल स्थाई रूप से बंद किया जाए। जनसेवक को पूर्व की भांति तकनिकी पद मानते हुए ग्रेड-पे 4200/- किया जाए। 2012 में नियुक्त सभी जिले में जनसेवकों को तत्काल एमएसीपी का लाभ दिया जाए। 2012 में नियुक्त जनसेवकों सहित राज्य स्तरीय वरीयता सूची अविलंब प्रकाशित किया जाए।
जनसेवकों की सम्पूर्ण सेवा 2011 जनसेवक भर्ती नियमावली के तहत कृषि विभाग में वापस लेते हुए DDO परिवर्तन का पत्र अविलंब निर्गत किया जाए। जनसेवक संवर्ग का पदनाम बदल कर कृषि प्रसार पर्यवेक्षक /प्रखण्ड उप कृषि पदाधिकारी किया जाय। जनसेवक संवर्ग को सीमित परीक्षा में बैठने की अनुमति दिया जाय। राज्य के सभी जिलों में 2401 वेतन शीर्ष सृजित किया जाय।
उक्त धरना कार्यक्रम के दौरान जनसेवक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष देवेन्द्र कुमार, प्रांतीय महामंत्री लोकेश कुमार, मुख्य समन्वयक संतोष कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रामनाथ यादव, प्रांतीय कोषाध्यक्ष लव कुमार पासवान, प्रवक्ता उपेन्द्र कुमार सिंह, उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडलीय अध्यक्ष दिलीप यादव, दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडलीय अध्यक्ष रविन्द्र बड़ाईक, संथाल परगना प्रमंडलीय अध्यक्ष सुशील कुमार झा, सभी जिलों के अध्यक्ष और सचिव सहित सभी जिलों के प्रतिनिधियों ने अपनी मांगों के संबंध में अपने विचार रखे। इस धरना कार्यक्रम को सफल बनाने महिमा इरुस लकड़ा, सोहराब खलील, बेनेडिक्ट बाड़ा, संजीव विक्रांत केरकेट्टा, आदित्यनाथ झा, रीना लकड़ा, स्वेता कुमारी आदि जनसेवकों ने योगदान दिया।