आईआईआईटी रांची के निदेशक बने प्रो.राजीव श्रीवास्तव

बिरसा भूमि लाइव

  • मूलतः जौनपुर नगर के हुसैनाबाद के रहने वाले हैं प्रो. श्रीवास्तव

रांची/जौनपुर : शिक्षा का केंद्र रहे सिराजे हिंद जौनपुर के तमाम लोगों ने समय-समय पर पूरे देश में जनपद का नाम रोशन किया है। चाहे वह शिक्षा का क्षेत्र हो, चिकित्सा का क्षेत्र हो, वैज्ञानिक का क्षेत्र हो या फिर आईएएस-पीसीएस बनने वाले जौनपुर से ज्यादातर लोग होते हैं। इसी कड़ी में नगर के हुसैनाबाद मोहल्ले के निवासी स्व0 सुरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव एडवोकेट के पुत्र प्रोफेसर राजीव श्रीवास्तव को भारत सरकार ने आईआईआईटी रांची का निदेशक बनाया है। यह खबर मिलते ही परिजनों सहित जिले के लोगो में भी खुशी की लहर है। शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा उनकी नियुक्ति कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से पांच वर्ष के लिए की गई है।

मूलतः जौनपुर के नगर के हुसैनाबाद के निवासी प्रोफेसर राजीव श्रीवास्तव ने वर्ष 1996 में तत्कालीन मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग कॉलेज से कंप्यूटर साइंस में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की उपाधि हासिल की। उसके बाद उन्होंने दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, दिल्ली से कंप्यूटर प्रौद्योगिकी एवं अनुप्रयोग में एम ई तथा दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रौद्योगिकी संकाय से कंप्यूटर इंजीनियरिंग में पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। वर्ष 2007 में आईआईटी बीएचयू के कंप्यूटर साइंस विभाग में सह प्रो. के रूप में नियुक्ति से पूर्व प्रो. श्रीवास्तव ने नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी संस्थान, नई दिल्ली एवं जीबीपंत इंजीनियरिंग कॉलेज, पौड़ी गढ़वाल में सहायक आचार्य के रूप में भी कार्य किया है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, इमेज प्रोसेसिंग, डीप लर्निंग आदि प्रोफेसर श्रीवास्तव की विशेषज्ञता के क्षेत्र हैं। प्रोफेसर श्रीवास्तव द्वारा 100 से अधिक शोध पत्र, 4 संदर्भ ग्रंथ एवं 20 पुस्तक अध्याय प्रकाशित किए गए हैं। प्रोफेसर श्रीवास्तव के नाम से 4 पेटेंट भी प्रकाशित हैं। बीएचयू में अपने कार्यकाल के दौरान प्रोफेसर श्रीवास्तव द्वारा विभागाध्यक्ष, संकायाध्यक्ष सहित अन्य प्रशासनिक दायित्वों का बखूबी निर्वहन किया गया है। प्रोफेसर श्रीवास्तव विभिन्न ख्याति प्राप्त पेशेवर संगठनों यथा इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया), इंस्टीट्यूशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियर्स के फेलो रहे हैं।

प्रोफेसर श्रीवास्तव ने शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा सहायतित शोध परियोजनाओं पर कार्य किया है और वे विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थाओं यूजीसी, संघ लोक सेवा आयोग, राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के विशेषज्ञ पैनल के सदस्य भी रहे हैं।

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