बिरसा भूमि लाइव
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सशस्त्र प्रहरी बल की राहत व बचाव टीम दुर्घटनास्थल पर पहुंची
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बेहद खराब मौसम और बाढ़ के कारण राहत व बचाव कार्य में मुश्किलें
काठमांडू : काठमांडू की तरफ आ रही यात्रियों से भरी दो बसें शुक्रवार को नदी में गिरने से उसमें सवार 65 यात्री लापता हैं। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश, नदी में आई बाढ़ और भूस्खलन की वजह से घटनास्थल पर राहत एवं बचाव कार्य अबतक शुरू नहीं हो पाया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक बीरगंज से काठमांडू के तरफ आ रही एंजल नाइट बस और काठमांडू से गौर की तरफ जा रही गणपति ट्रैवल्स की बसों के भूस्खलन की चपेट में आकर नदी में गिरने की जानकारी मिली है। राजमार्ग सुरक्षा में रहे हाइवे पेट्रोलिंग पुलिस टीम ने बताया कि चितवन में अचानक भूस्खलन के कारण दोनों बसें सुबह करीब 3 बजे त्रिशुली नदी में गिर गई।
चितवन के प्रमुख जिलाधिकारी इन्द्रदेव यादव के मुताबिक काठमांडू से गौर के तरफ आ रही बस में 43 यात्री सवार थे जबकि बीरगंज से काठमांडू जा रही बस में कुल 22 यात्री सवार थे। उन्होंने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य के लिए प्रशासन ने अपनी तरफ से पूरी तरह तैयार है और गोताखोरों की टीम भी स्टैंडबाई है लेकिन तेज बारिश और भूस्खलन से
रास्ता बन्द होने के कारण राहत और बचाव का काम अब तक शुरू नहीं किया जा सका है।
इसी बीच खबर मिली है कि काठमांडू से गौर के तरफ जा रहे बस के नदी में गिरने से पहले तीन यात्रियों ने केबिन से कूद कर अपनी जान बचाई है। सड़क से करीब 500 मीटर नीचे गिर रहे बस के केबिन में ड्राइवर की सीट के बगल में बैठे यात्रियों ने कूद कर अपनी जान बचाई है। इन तीनों को नारायणघाट अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इन्होंने पुलिस को बयान दिया है कि उनके बाकी साथी और अन्य यात्री बस के साथ नदी में बह गए हैं।
यात्रियों की तलाश में 70 गोताखोर उतारे गए
सशस्त्र प्रहरी बल के डीआईजी पुरुषोत्तम थापा ने बताया कि नदी में लापता हुए यात्रियों की तलाश में सशस्त्र प्रहरी बल (एपीएफ) के सात गोताखोरों को त्रिशुली नदी में उतारा गया है। उन्होंने कहा कि एपीएफ की डिजास्टर मैनेजमेंट से जुड़े 70 जवानों को भी राहत व बचाव के काम में लगाया गया है। मौसम की खराबी और रास्ता अवरुद्ध होने कारण इन जवानों को करीब 30 किलोमीटर पैदल चल कर दुर्घटनास्थल पर पहुंचने में कामयाबी मिली है।