एनडीए में सीटों के विभाजन के बाद बिहार 2025 चुनाव की राजनीति में विवाद और नाराजगी ने नई उड़ान ली है। भाजपा के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह ने चिराग पासवान द्वारा कथित दावों पर अप्रत्यक्ष निशाना साधा है और पार्टी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा विषयक शिकायत उठाई है।
गिरिराज सिंह ने कहा है कि जहां पिछली बार किसी सीट पर मात्र 500–700 मतों के अंतर से हार हुई थी, वहाँ उसे दूसरे सदस्यों को सौंप देना क्या न्यायसंगत है? उन्होंने यह भी कहा कि नेताओं को जनता और कार्यकर्ताओं की आवाज़ बनना चाहिए, न कि अपनी श्रेष्ठता बढ़ाने के लिए दावों को अपनी कलई बनाना।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X (पूर्व में ट्विटर) पर भी चिराग पासवान का नाम लिए बिना तंज कसा। उन्होंने लिखा कि आज कुछ लोग “मजबूत सीट लेकर स्ट्राइक रेट” का प्रदर्शन करके चर्चा में हैं। उन्होंने यह तंज भी लगाया कि ऐसा दबाव उसी आधार पर बन रहा है जिस आधार पर पहले दलीय संरचनाएँ काम करती थीं।
चिराग पासवान ने सीट बंटवारे को लेकर यह दावा किया है कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनावों में बेहतर प्रदर्शन और स्ट्राइक रेट की वजह से 29 सीटों का हिस्सा बनी है। इसके चलते भाजपा और जदयू को अपेक्षाकृत कम संख्या में सीटें मिल रही हैं। तय प्रारंभिक बंटवारे के अनुसार, भाजपा 101 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जदयू 101, एलजेपी 29, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा 6 और राष्ट्रीय लोकमोर्चा 6। हालांकि अभी तक उम्मीदवारों के नामों का औपचारिक एलान नहीं हुआ है।
राजनीतिक एड़ी-चोटी का यह संघर्ष यह दिखा रहा है कि सीट बंटवारे के पीछे सिर्फ संख्या नहीं, बल्कि महत्त्वाकांक्षा, दबाव और आंतरिक दल संघर्ष भी गहरे हैं।